कैसे Ex Partner को याद रखना, आपके आज को प्रभावित कर सकता है?

एक्स पार्टनर की यादें एक ऐसा इमोशनल जाल होती हैं, जो अक्सर हमें आगे बढ़ने से रोक देती हैं। जब तक हम अतीत को स्वीकार नहीं करते, हमारा आज अधूरा रहता है।

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Deepika Aartthiya
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Photograph: (AI image & Pinterest via ELLE France)

रिश्ते हर इंसान की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा हैं। नए रिश्तों का बनना और पुराने का टूटना, दोनों ही हमें गहराई से प्रभावित करते हैं। खासकर जब कोई बेहद करीबी रिश्ता टूटता है, तो उसका असर लंबे समय तक बना रहता है। इसके बावजूद हमें लाइफ में आगे बढ़ना ही पड़ता है। लेकिन जब बात एक्स पार्टनर की आती है, तो उसे भूल पाना आसान नहीं होता। उसकी बातें, हंसी, या कोई पुराना गाना तक हमें अतीत में खींच ले जाता है। यही यादें धीरे-धीरे हमारे आज पर गहरा असर डाल सकती हैं।

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कैसे Ex Partner को याद रखना, आपके आज को प्रभावित कर सकता है?

1. पुरानी यादें और इमोशनल ब्लॉक

पुरानी यादों को भूलना आसान नहीं होता। एक्स के साथ बिताए पल बार-बार दिमाग में लौट आते हैं। अगर ये कभी-कभी हो तो सामान्य है, लेकिन बार-बार होने लगे तो यह एक Emotional Block बन जाता है और इंसान उसी सिचुएशन में अटक जाता है। समय के साथ यह ब्लॉक आपकी Thinking और Decisions को भी प्रभावित करने लगता है।

2. नई शुरुआत पर असर

अतीत में जीते रहने से हम अपनी ज़िंदगी में किसी नए इंसान को जगह नहीं दे पाते। कई बार पुराने अनुभव नए रिश्तों की शुरुआत में डर पैदा कर देते हैं। यह डर प्रेज़ेंट Relationship को गहराई देने से रोक देता है और इंसान फिर से टूटने के डर में ही जीता रह जाता है।

3. सेल्फ ग्रोथ पर रोक

एक्स की यादों में उलझे रहने से सिर्फ रिश्ते नहीं, बल्कि पर्सनल ग्रोथ भी रुक जाती है। इंसान अपने गोल्स और पैशन पर ध्यान नहीं दे पाता। पास्ट का बोझ आज की प्रोडक्टिविटी और मेंटल हेल्थ पर भी असर डालता है। धीरे-धीरे यह एक Self-Sabotage पैटर्न बन सकता है।

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4. ट्रस्ट और कॉन्फिडेंस पर असर

एक्स की यादों में फंसे रहना आत्मविश्वास को भी कमजोर कर सकता है। कई बार इंसान अपनी जजमेंट पर भरोसा नहीं कर पाता और नए रिश्तों से डरने लगता है। यह डर पर्सनल लाइफ में भी नेगेटिविटी बढ़ा देता है, जिससे इंसान खुद से दूर होता जाता है।

5. आगे बढ़ना ही है हीलिंग की ओर कदम

अतीत को पूरी तरह भूलना मुश्किल है, मगर उसमें लगातार जीते रहना भी सही नहीं। Healing का मतलब भूलना नहीं बल्कि सिचुएशन को Accept करना है। जब इंसान अपने एक्स को एक अनुभव की तरह स्वीकार करता है, तो वह अपने आज और आने वाले कल को बेहतर बना सकता है। असल में, छोड़ देना हार नहीं बल्कि एक नई शुरुआत का संकेत होता है।

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