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Photograph: (Steffy and Adharsh)
Steffy and Adharsh wedding: सामान्य सी स्कूल-लव स्टोरी से लेकर एक बेहद अलग शादी तक कंटेंट क्रिएटर स्टेफी सनी और उनके जीवन-साथी आदर्श की कहानी साबित करती है कि प्यार अपनी राह ख़ुद बनाता है। दोनों ने पारंपरिक धार्मिक रिवाज़ों को मिलाने के बजाय एक ऐसी सेरेमनी रची, जहाँ केवल वचन, हार और नज़दीकी रिश्तेदारों-दोस्तों की मौजूदगी थी कोई मंगलसूत्र, कोई सैक्रामेंट नहीं, सिर्फ़ दो दिलों की सच्ची कहानी।
जब रस्मों से बड़ा हो प्यार: Steffy Sunny और Adharsh की बिन-मंगलसूत्र शादी
दस साल की साथी-यात्रा, अब ‘पति-पत्नी’ का टैग
स्टेफी और आदर्श की मुलाक़ात स्कूल की क्लास में हुई। टीनएज की झिझक से लेकर करियर-बिल्डिंग के तनाव तक, दोनों ने एक-दूसरे का हर रूप देखा। इसी सफ़र में इम्पैथी, ह्यूमर और हर छोटे-बड़े लम्हे में साथ खड़े रहना यही उनके रिश्ते की ताक़त रही। अब जब स्टेफी आदर्श को ‘हज़्बंड’ कहती हैं, तो रिश्ते में एक जादुई ख़ुशबू गुलज़ार हो उठती है।
परिवार का सपोर्ट: सवाल उठे, पर प्यार जीत गया
कैथोलिक और हिंदू पृष्ठभूमि के इस जोड़े ने जब अपने इरादे खुले मन से घरवालों से साझा किए, तो चर्चाएँ ज़रूर हुईं, मगर आख़िरकार दोनों परिवारों ने प्यार और समझदारी से साथ दिया। यही खुली बातचीत उनकी शादी की बुनियाद बनी।
हमारे विवाह की रचना: रिवाज़ों को न ना, पर ख़ुद की जगह हाँ
स्टेफी-आदर्श ने किसी एक धार्मिक रास्ते को हाथों-हाथ नहीं लिया, बल्कि दोनों धर्मों के बीच एक नई धारा खोजी। सेरेमनी में ना चर्च के सैक्रामेंट थे, ना हिंदू मंगलसूत्र। थी तो सिर्फ़ दोनों की अपने-आप लिखी प्रतिज्ञाएँ और हारों का सरल आदान-प्रदान। रिवाज़ों को नकारा नहीं गया, बल्कि इस नई रस्म में भावनात्मक सच मुच और समानता को पहली कुर्सी दी गई।
दुल्हन का लुक: लोकल डिज़ाइनर, पर्ल स्नीकर, और ख़ुद की पहचान
स्टेफी ने बड़े डिज़ाइनर लेबल्स के बजाय एक स्थानीय डिज़ाइनर के साथ पीच-कलर का प्लेफुल ड्रेस बनवाया। गाउन के नीचे पर्ल-एम्बेलिश्ड स्नीकर पहने, उन्होंने कंफ़र्ट और स्टाइल दोनों को अपनी शर्तों पर परिभाषित किया। होमग्रोन टैलेंट को सपोर्ट करना उनकी पर्सनैलिटी का हिस्सा है, और ये पहलू शादी में भी खिलकर दिखा।
मालयाली जड़ों की गूँज, बिना परंपराओं के भी
अपनी कंटेंट क्रिएशन में मलयाली संस्कृति का जश्न मनाने वाली स्टेफी ने शादी में भी अपनी जड़ों को जिया ह्यूमर से भरे कार्यक्रम, परिवार की ऊष्मा और थोड़ी-सी नीट-सी अराजकता के रूप में। परंपराएँ न के बराबर थीं, पर अपनापन पूरी तरह मौजूद था।
भविष्य का फ़ॉर्मूला: साफ़ बात और अपनी-अपनी रफ़्तार
इंटरफेथ जोड़ों को स्टेफी की सलाह सीधी है ख़ुद को समय दें, खुले आम बात करें और याद रखें कि मौज-मस्ती भरी एक शादी से ज़्यादा ज़रूरी आपका साझा भविष्य है। हर कहानी अलग होती है, इस लिए शादी भी पारंपरिक चौखटे के मतलब से नहीं, बल्कि आपकी असली कहानी से बननी चाहिए।