Why We Need To Normalize Divorce? हमारे समाज में आज भी डाइवोर्स को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी महिलाओं को 'घर तोड़ने वाली' कहा जाता है। तलाकशुदा महिलाओं को समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। उनके चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऐसी औरतें परिवार को जोड़ती नहीं बल्कि खराब करती हैं और हमें अपनी बेटियों को ऐसी महिलाओं से दूर रखना चाहिए। किसी भी महिला के लिए तलाक का फैसला लेना आसान नहीं होता है। इसके पीछे जरूर कोई ठोस वजह ही होती है क्योंकि रिश्ते में अटैचमेंट को तोड़ना कभी भी आसान नहीं होता। आईए जानते हैं कि क्यों हमें समाज में डाइवोर्स को नॉर्मलाइज करना चाहिए-
समाज में तलाक के प्रति सकारात्मक सोच की जरूरत
स्टिग्मा और शर्मिंदगी को खत्म करें
हमें डाइवोर्स को इसलिए भी नॉर्मलाइज करना चाहिए ताकि इससे जुड़ी शर्मिंदगी खत्म हो सके। इसके साथ ही तलाकशुदा महिलाओं के मन में गिल्ट रहता है। तलाक कभी भी गलत नहीं होता है। इससे आप खुद को एक टॉक्सिक रिश्ते से आजाद करते हैं। आपको कभी भी ऐसे रिश्ते में रहने की जरूरत नहीं होती है जिसमें आपकी सेल्फ रिस्पेक्ट को ठेस पहुंचती है या फिर आपकी वैल्यू नहीं होती।
शादी एक चॉइस
अगर आपकी शादी हेल्दी नहीं है या फिर आपके रिश्ते में कंपैटिबिलिटी नहीं है तो आप एक दूसरे से अलग हो सकते हैं। शादी कभी भी किसी के ऊपर बोझ नहीं होना चाहिए लेकिन हमारे समाज में इसे हमेशा ही बोझ बनाया गया है क्योंकि हम लोगों को टॉक्सिक रिश्तो से आजाद नहीं करते हैं। इसलिए हमें तलाक के बारे में खुलकर बातचीत करनी चाहिए और उन लोगों को सपोर्ट करना चाहिए जो ऐसा स्टेप लेना चाहते हैं क्योंकि बहुत सारे लोगों को सपोर्ट नहीं मिलता जिसके कारण वे टॉक्सिक रिश्ते को छोड़ नहीं पाते।
तलाकशुदा महिलाओं को जजमेंट का भी बहुत सामना करना पड़ता है। इसलिए भी हमें तलाक को नॉर्मलाइज करना चाहिए ताकि एक महिला को जजमेंट का सामना न करना पड़े। जजमेंट के कारण बहुत सारी महिलाएं मानसिक समस्याओं से गुजरती हैं। उन्हें स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जायटी से गुजरना पड़ता है क्योंकि उन्हें लगता है कि शायद उन्होंने गलत कदम उठाया है। आपको अपने तलाक की वजह किसी को भी समझाने की जरूरत नहीं। आप जानते हैं कि आपने क्यों अपने लिए फैसला लिया है। अगर आप सभी को समझने लग जाएंगे तो आप खुश नहीं रह पाएंगे।