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Benefits Of Adopt a Child To Parents and child: बच्चे को गोद लेना ज़िन्दगी के सबसे अच्छे निर्णयों में से एक हो सकता है क्योंकि इससे एक बच्चे को वो प्यार और ख़ुशी मिल सकती है जिसका वो हक़दार है। भारत में काफी लोग अडॉप्शन कर रहे हैं जिसका सबसे मुख्य कारण बांझपन है। आज आपको जानकारी देंगे कि कौन बच्चा गोद ले सकते और इसके क्या फायदे हैं?
Benefits Of Adoption: बच्चा गोद लेने के दोनों को क्या फायदे हैं?
Who Can Adopt Child: बच्चे को गोद कौन ले सकता है?
Central Adoption Resource Authority के मुताबिक़ इन गाइडलाइन के मुताबिक़ कोई भी बच्चा गोद ले सकता है-
बच्चा गोद लेने के लिए मानसिक, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक रूप से मज़बूत होना बहुत ज़रूरी है।
- कोई भी व्यक्ति बिना किसी लिंग भेदभाव और शादी के स्टेट्स के बिना भी बच्चा एडाप्ट कर सकता है।
- उनका स्वास्थ्य अच्छा हो उन्हें कोई गम्भीर मेडिकल कंडिशन नहीं होनी चाहिए।
- बच्चे और पेरेंट्स के बीच 25 साल से ज़्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए।
- कपल को 2 साल की शादी के बाद ही बच्चा गोद ले सकते हैं सिर्फ़ इन दो चीजों को छोड़कर अगर वे रिश्तेदार और बच्चे के सौतेले पेरेंट्स हैं।
- शादीशुदा कपल के केस में दोनों की सहमति ज़रूरी है।
- सिंगल महिला कोई भी बच्चा लिंग चाहे लड़का और लड़की को गोद ले सकती है।
- सिंगल मर्दों के केस में थोड़ा अलग है वे सिर्फ़ लड़के को गोद ले सकते हैं।
बच्चा गोद लेने के क्या फ़ायदे हैं?
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प्यार
बच्चे को वो प्यार मिलता है जिसका वह हक़दार है। जो बच्चे अनाथ होते हैं वह माँ-बाप के प्यार बिना के होते है उन्हें वो प्यार और जगह चाहिए होती यहाँ वे सुरक्षित, सहज बिना किसी दबाव के खुलकर रह सके। इसके साथ उन्हें बाक़ी बच्चों की तरह घर की भी कमी होती यहाँ एक आम बच्चा अपने परेंट्स के साथ रहता है बच्चा अडाप्ट करने से बच्चे को ऐसा माहौल मिल सकता है और माँ बाप को एक बच्चा जो उनके घर को ख़ुशियों से भर दे। -
सिंगल अडल्ट भी पेरेंट्स बन सकते हैं
सिंगल महिला हो या मर्द वे भी अब बिना शादी किए परेंट्स बन सकते हैं। उन्हें शादी जैसे इतनी बडे रिलेशन की सिर्फ़ पेरेंट्स बनने के लिए ज़रूरत नहीं है। ऐसे रिश्ते में बच्चे को एक पेरेंट कम और साथी ज़्यादा मिलता है और बांड भी ज़्यादा स्ट्रोंग बनता है। -
एजुकेशन
यह बच्चे के लिए बहुत ज़रूरी है। जब बच्चे को माँ-बाप का साथ मिलता है तब वे पढ़ाई भी कर सकता है इसके साथ ज़िंदगी के अपने सभी टार्गेट को पूरा सकता है। -
माँ बाप को संतान का सुख
जो कपल infertility के कारण परेंट्स नहीं बन सकते है अडॉप्शन ने उन्हें यह मौक़ा दिया कि वे भी परेंट्स बन सकते है इसके लिए बच्चा पैदा करने की नहीं उसे सँभालने की ज़रूरत है। आपक अंदर वह व्यवहार होना चाहिए कि आप एक बच्चे को शारीरिक और मानसिक पालन पौषण अच्छे से कर सकें। -
Resources का उचित यूज़
हमारे समाज में अभी भी अडॉप्शन को इस केस में इतनी स्वीकारता नहीं दी गई कि कपल बच्चे को तब भी गोद ले जब वह बाइयलॉजिक्ली परेंट्स बन सकता है। ऐसे करने का कारण ये है कि हम रीसॉर्स का इस्तेमाल उन लोगों के लिए करें जो पहले से इस planet पर मजूद हैं बल्कि हम और बच्चे पैदा करके ऐसे बच्चे के लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए रीसॉर्स ख़त्म कर दें।