Co-Parenting with Love and Respect: किसी भी कपल के लिए तलाक लेना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। उनके सामने बहुत सारी चुनौतियां आती हैं। इसके साथ ही बच्चों के ऊपर भी तलाक का बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि शायद ही उन्हें माता-पिता का प्यार एक साथ मिल पाए। ऐसे में को-पेरेंटिंग से यह मुमकिन हो सकता है कि बच्चों को तलाक के बाद भी माता और पिता दोनों का प्यार मिले। को-पेरेंटिंग एक तरह से चैलेंजिंग हो सकती है क्योंकि शायद आप अपने पार्टनर से ना मिलना चाहें। ऐसे में अगर कपल समझदार है और उनके बीच कोई मतभेद नहीं है तो दोनों के लिए एक-साथ को-पेरेंटिंग करना आसान हो जाता है। चलिए इसके टिप्स जानते हैं-
सफल Co-Parenting के लिए जानें ये कुछ टिप्स
खुलकर बातचीत करें
सबसे पहले आपको एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करनी चाहिए कि आप कैसे साथ में अपने बच्चों की परवरिश करेंगे। आपके बीच में कोई भी झिझक नहीं होनी चाहिए।आप हर पहलू को लेकर बात करें। एक दूसरे के कंसर्न को ध्यान से सुने और उसका सॉल्यूशन ढूंढने की तरफ जाएं। अगर आप बैठकर एक दूसरे से समझदारी से बात नहीं करेंगे तो आपके लिए बच्चों की परवरिश करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि ऐसे में आप एक दूसरे को ही नहीं समझ पाएंगे और आपके बीच में दूरियां और बढ़ जाएगी।
बच्चे के बारे में सोचें
अगर आप अपने बच्चों के बारे में सोचेंगे कि उसे माता-पिता दोनों की जरूरत है तो आपके बीच में पैरेंट के तौर पर एक बॉन्ड बन जाएगा। इस तरह आपके लिए को-पेरेंटिंग करना आसान हो जाएगा। आप बच्चे की फीलिंग को समझे। उसे अपने फैसले की वजह से प्रभावित मत होने दे। अगर आपके बीच में अच्छे संबंध नहीं है या फिर आप एक-दूसरे के साथ कुछ भी करना पसंद नहीं करते हैं तो उसका असर बच्चों पर मत होने दें। बच्चे के सामने आप एक-दूसरे के साथ रहें और उसे ऐसा महसूस न होने दें कि उसके पेरेंट्स बाकी बच्चों के पेरेंट्स की तरह नहीं हैं।
एक-दूसरे के दोस्त बनें
ऐसे में अगर आप एक दूसरे के दोस्त बन जाते हैं तभी पेरेंटिंग करना आसान हो जाता है। आप एक दूसरे को दोस्त की तरह मिल सकते हैं और साथ में कुछ समय व्यतीत कर सकते हैं ताकि आपकी अंडरस्टैंडिंग बच्चों के लिए बेहतर हो जाए। आप बच्चों के बारे में साथ में बैठकर कुछ प्लान कर सकते हैं या दोनों बच्चों को कहीं घूमने लिजा सकते हैं। अगर आपके बीच में एक फ्रेंडली माहौल है तब आप बच्चों के लिए एक ऐसा माहौल तैयार कर पाएंगे जिसमें वह सुरक्षित और खुशी महसूस कर सकते हैं। ऐसे में बच्चा उसके आपके साथ बात करने में भी कोई झिझक महसूस नहीं होगी और उसकी मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहेगी।
पर्सनल लाइफ से दूरी बनाएं
तलाक के बाद एक दोस्त की तरह रहना अलग बात है लेकिन ऐसे में कुछ बाउंड्रीज का होना भी बहुत जरूरी है। आप बच्चों के खातिर एक दूसरे के साथ रह रहे हैं। इसलिए आपको यह बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप उनकी पर्सनल लाइफ से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें। इससे वह व्यक्ति मानसिक रूप से डिस्टर्ब हो सकता है या फिर यह रिश्ता टॉक्सिक हो सकता है। इसलिए हमेशा ही बाउंड्री की रिस्पेक्ट करें और एक दूसरे के साथ बाउंड्रीज जरूर बनाएं।