Is your child depressed? : आजकल डिप्रेशन की समस्या बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी देखने को मिल रही है। एकेडमिक परफॉर्मेंस, रिलेशनशिप, करियर की टेंशन जैसे कई कारणों से बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। बच्चों में डिप्रेशन की पहचान करना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि वे अपने भावनात्मक अनुभवों को स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं कर पाते है, इसमें कहीं ना कहीं माता-पिता की भी गलती होती है की बचपन से बच्चों को ऐसा माहौल नहीं मिला जिसमें वह अपनी सारी बातें बड़ो से खुलकर कह सके। लेकिन कुछ संकेतो से आप यह जान सकते हैं कि आपका बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। इन संकेतों में से कोई भी आपके बच्चे में लंबे समय तक या गंभीर रूप में दिखाई देता है, तो यह डिप्रेशन का संकेत हो सकता है। यहां पढ़िए ऐसे पांच महत्वपूर्ण संकेत जिससे आपको यह पता लगाने में आसानी होगी।
कैसे जाने आपका बच्चा है डिप्रेशन का शिकार?
1. मूड में बदलाव (Change in mood)
बच्चे का मूड असामान्य रूप से उदास, चिड़चिड़ा, या निराश हो सकता है। यह बदलाव उनके सामान्य व्यवहार और भावनाओं से अलग होता है। लगातार उदास रहना, आँखों में आँसू आना या अक्सर रोना, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना या नाराज होना। सामाजिक गतिविधियों, दोस्तों और परिवार से दूर रहना, जिसको पहले वह इंजॉय करता था लेकिन अब वह उन चीजों से भागता है और अकेला रहना पसंद करता है।
2. एकेडमिक परफॉर्मेंस में गिरावट (Bad academic performance)
डिप्रेशन बच्चे की शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। बच्चे के ग्रेड में गिरावट, क्लास में भागीदारी कम होना। इसके साथ ही एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी से भागना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, स्कूल में पढ़ाई में दिलचस्पी की कमी हो जाना, छोटी-छोटी बातें भूलना या असाइनमेंट्स और होमवर्क समय पर पूरा न कर पाना। यह समान्य बिहेवियर के संकेत नही है।
3. हिंसक व्यवहार करना
डिप्रेशन से ग्रसित लोग कभी कभार हिंसा पर भी उतर जाते हैं। यह हिंसा वह खुद के साथ साथ वह दूसरों पर भी कर सकते है। आपका बच्चा अगर हर छोटी बात पर लड़ने लगे या उनका बिहेवियर आक्रामक होने लगे तो यह अच्छे संकेत नहीं है। ऐसे में माता पिता को बच्चे के हिंसक व्यवहार का कारण जानना चाहिए और बच्चों से बात करना चाहिए।
4. व्यवहार में बदलाव (Change in behaviour)
अगर आपका बच्चा डिप्रेशन में है तो आपको बच्चे के व्यवहार में कुछ असामान्य परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। बच्चे अगर हर वक्त खुद को बेकार महसूस करने लगे, हर वक्त उनका सेल कॉन्फिडेंस लो रहे। उन्हें अनेक तरह की चिंताएं बिना कारण ही सताने लगे तो यह संकेत डिप्रेशन के हो सकते है। इन सब संकेतो के बढ़ने पर बच्चों को सुसाइडल थॉट्स भी आने लगते हैं या वह खुद को चोट पहुंचाने का प्रयास करने लगते हैं।
5. हेल्थ में बदलाव
डिप्रेशन आपके बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर पर भी प्रभाव डाल सकता है। बच्चे को हमेशा थका हुआ महसूस होना, यहां तक कि छोटी-छोटी गतिविधियों के बाद भी तुरंत थक जाना। उसके खाने की आदतों में अचानक बदलाव, जैसे भूख कम हो जाना या बहुत अधिक खाना इसके साथ ही स्लीपिंग शेड्यूल में चेंजेज, नींद आने में कठिनाई या बहुत देर तक सोना यह सब संकट डिप्रेशन के हो सकते है।