Parents Must Follow These Tips To Protect Their Child From Bullying: बुलिंग एक प्रकार का एग्रेसिव बिहेवियर है जिससे किसी को इंटेंशनली या बार-बार असहज महसूस करवाया जाता है। कई बार इससे इंजरी भी हो जाती है। बुलिंग आपके बच्चे पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। यह उसके सेल्फ एस्टीम और कॉन्फिडेंस को बुरे तरीके से डाउन कर सकती है। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है कि कहीं उनके साथ बुलिंग तो नहीं हो रही है। आप इन टिप्स को अपनाकर अपने बच्चों को बुलिंग से बचा सकते हैं-
अपने बच्चों को बुलिंग से बचाने के लिए पेरेंट्स अपनाएं ये टिप्स
1. वार्निंग साइंस को पहचाने
बुलिंग के कई प्रकार के वार्निंग साइंस हो सकते हैं। इनको सही समय पर पहचानना जरूरी है। जैसे कि यदि आपके बच्चे का कोई सामान डैमेज्ड या मिसिंग है, यदि आपका बच्चा स्कूल जाने से बार-बार कतरा रहा है या स्कूल जाने के लिए कोई दूसरा रास्ता ले रहा है, आपके बच्चे के बहुत कम दोस्त हैं, वह बार-बार फिजिकल प्रॉब्लम्स की कंप्लेंट कर रहा है, वह दिखने में डिप्रेस्ड लग रहा है, सोने में तकलीफ आना या स्कूल में अच्छा परफॉर्म न करना भी बुलिंग के लक्षण हो सकते हैं।
2. सोशल नेटवर्क पर ध्यान दें
यदि आपका बच्चा ज्यादा लोगों से बात नहीं करना चाहता, उसकी सेल्फ स्टीम बहुत डाउन हो चुकी है और वह लोगों से मिलने में कंफर्टेबल महसूस नहीं करता। तो यह भी बुलिंग के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही साथ यदि वह किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर है तो आप वहां भी जाकर चेक कर सकते हैं कि कोई ऑनलाइन बुलिंग तो नहीं कर रहा है। आजकल ऑनलाइन बुलिंग भी बढ़ते जा रही है और बच्चे इसके चंगुल में बहुत आराम से फंस जाते हैं।
3. फ़ोन चेक करें
अक्सर जिन बच्चों की बुलिंग होती है उन्हें बार-बार मैसेज या कॉल्स आते रहते हैं। यदि आपके बच्चे को भी लेट नाइट कॉल्स या मैसेज आ रहे हैं तो उस पर ध्यान दें। साथ ही देखें कि आपका बच्चा सही समय पर सो जाए। उसको सोने में कोई तकलीफ तो नहीं आ रही।
4. कम्युनिकेट करें
बच्चों का अपने पेरेंट्स के साथ एक अच्छा रिश्ता होना बहुत जरूरी है। अपने बच्चों को भरोसा दिलाए कि आप उनके हितैषी हैं और वह आप पर भरोसा कर सकते हैं। अपने आप को उनका दोस्त बनाएं और बातों को उनके नजरिया से समझने की कोशिश करें। उनसे साफ शब्दों में बुलिंग के बारे में नियमित रूप से पूछते रहें। यदि उनके व्यवहार में भी कुछ बदलाव है तो उसके बारे में भी उनसे पूछें।
5. बुलींग को समझें
यदि आपका बच्चा बुलिंग का विक्टम है तो ऐसे में बच्चों की मानसिकता को समझें। चीजों को उनके नजरिए से देखने की कोशिश करें। याद रखिए कि बच्चे ऐसी सिचुएशन को अपने आप से संभाल नहीं सकते और उन्हें आपकी मदद की बहुत जरूरत होती है। ऐसे किसी भी इशू को स्कूल के टीचर और प्रिंसिपल के पास लेकर जाएं। अपने बच्चों को स्कूल के बाहर भी समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें अपने फ्रेंड सर्कल के साथ भी मिलने जुलने को बोलें जो कि उनके कॉन्फिडेंस और सेल्फ एस्टीम को बढ़ाएगा। उनको अच्छी स्किल सिखाएं जैसे कि स्पोर्ट्स, म्यूजिक, आर्ट इत्यादि। उन्हें बताएं कि स्कूल में अच्छे लोगों के साथ ही रहे। जरूरत पड़ने पर आप किसी चाइल्ड काउंसलर से भी बात कर सकते हैं।