Child Admission: बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले ये हर माता-पिता का सपना होता है। बच्चे बहुत अनमोल होते हैं, खुद से काम नहीं कर सकते, ऐेसे में माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि उनके लिए अच्छे से अच्छी चीज़ देखें। बच्चों को बचपन से ही अच्छी शिक्षा और अच्छा वातावरण मिल जाता है तो उनके आगे की जिंदगी संवर जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को बचपन का माहौल शिक्षा और खेल का अच्छ दें।
सबसे बड़ी जो अहम् जिम्मेदारी माता-पिता की आती है, वो है बच्चों का एडमिशन कराना। इसके लिए माता-पिता या पेरेंट्स बहुत मेहनत करते हैं। माता-पिता की इसके लिए तैयारी बहुत पहले से ही शुरू हो जाती है।
बच्चों को एडमिशन के लिए कैसे तैयार करें
सबसे पहले तो बच्चों को एडमिशन दिलाने से पूर्व उन्हें अच्छे से एल्फाबेट्स, नंबर्स और अक्षरों का ज्ञान दे दें। उन्हें अच्छी से अच्छी पोयम्स याद करा दें। लोगों से मिलवाएं। इससे बच्चे के अंदर कॉन्फिडेंस आएगा। बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं कि अनजान लोगों से मिलने में हिचकते हैं, उन्हें जवाब नहीं देते। अगर आप बच्चों को अनजान लोगों से मिलवाएंगे, उनमें बोलमें में कॉन्फिडेंस आएगा, इससे वे आसानी से एंट्रेंस क्रैक कर सकेंगे। बच्चों को एडमिशन से पूर्व एंट्रेंस होते हैं जिनमें बच्चों की स्किल्स और नॉलेज देखी जाती हैं। अगर माता-पिता खुद से सिखाने में असमर्थ हैं तो इसके लिए वो किसी अच्छे टीचर या शिक्षक को थोड़े टाइम के लिए रख सकते हैं।
बच्चों को एडमिशन दिलाने से पहले क्या करें
माता-पिता को बच्चों को एडमिशन या दाखिला दिलाने से पहले बहुत-सी चीजों का ध्यान रखना है, आइए जानें :-
खुद को करें तैयार
आज परिस्थितियां बदल गई हैं। आज के समय में बहुत से स्कूल ऐसे हैं जो बच्चों को दाखिला देने से पूर्व माता-पिता या पेरेंट्स का भी इंटरव्यू लेते हैं। ऐसे में जरूरी है बच्चों को एडमिशन के लिए तैयार करने के साथ-साथ खुद को भी तैयार करें। ऐसा इसलिए कि बच्चों का दाखिला माता-पिता के इंटरव्यू पर भी डिपेंड करता है आज। इसके लिए किसी जानकार से अच्छी जानकारी ले लें।
खुद से स्कूल पर रिसर्च करें
माता-पिता या पेरेंट्स को चाहिए कि जिस भी स्कूल में वो अपने बच्चों का एडमिशन कराना चाहते हैं, उसके लिए पहले से अच्छी-सी रिसर्च कर लें। इससे आगे चलकर बच्चों को किसी तरह की समस्या नहीं होगी। माता-पिता इसके लिए लोगों से रीव्यू ले सकते हैं, स्कूल के स्टूडेंट्स, टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टॉफ जैसे गार्ड आदि से बात कर सकते हैं। बातचीत से पेरेंट्स को स्कूल से जुड़ी बहुत-सी जानकारी हासिल हो जाएगी। फिर ही तय करें अपने बच्चे का दाखिला।
स्कूल की सर्विस देखें
बहुत से स्कूल आज नाम के होते हैं। वे बच्चों का एडमिशन या दाखिल तो कर देते हैं, लेकिन उनके पास देने को कुछ नहीं होता। स्कूल के टीचर्स क्लास में नहीं आते, प्ले ग्राउंड नहीं होता, होता है तो उसमें खेल का सामान नहीं होता, बच्चों की परेशानियां अच्छे से नहीं सुनी जातीं और गार्ड या सिक्योरिटी का अभाव होता है आदि। ऐसे में जरूरी है स्कूल की सर्विस देख लें।
बच्चे से समय-समय पर रीव्यू लें
बच्चे का दाखिला हो जाने पर आप पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग में जाएं, टीचर्स से बात करें, इससे स्कूल के विषय में अच्छी जानकारी मिल जाएगी। इसके साथ ही रोज बच्चे से स्कूल, क्लॉस और पढ़ाई के विषय में जानकारी लेते रहें। अगर आपको कहीं भी लगे कि बच्चे का डेवलेप्मेंट और ग्रोथ उस स्कूल में नहीं हो रही है, तो तुरंत उस स्कूल से बच्चे का नाम हटवा दें। ऐसा इसलिए कि बचपन में ही बच्चे को अच्छी शिक्षा और विकासशील वातावरण मिल जाता है तो आगे चलकर बच्चे को कोई समस्या नहीं होती।