Tips for teaching your son to respect women : आज भी बहुत हद तक समाज में पुरुष की प्रधानता को उचित माना जाता है। महिलाओं को आज के जमाने में भी कई बार कई तरीके की प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, अपने हक के लिए बार-बार लड़ना पड़ता है और कई बार तो जिम्मेदारियां उठाने के बाद भी उनको उतना श्रेय नहीं मिलता जीतने की वह हकदार हैं। ऐसे में महिलाओं के प्रति इज्जत की शिक्षा बचपन से ही मिलनी चाहिए। यदि बचपन से ही बच्चों को दूसरे जेंडर के बारे में उचित शिक्षा दी जाए तो भविष्य में बहुत हद तक महिलाओं की प्रताड़ना को रोका जा सकता है। समाज में ऐसे लोगों का होना बहुत जरूरी है जो महिलाओं को समझ सकते हैं या उन्हें समझने का प्रयास करते हैं। खासकर कि यदि आपके घर में कोई बेटा है तो उसे भी बचपन से ही महिलाओं की इज्जत करने की सीख देनी चाहिए। ताकि कल होकर वह एक जेंटलमैन बन सके। आईए जानते हैं यह टिप्स जिनके द्वारा आप अपने बेटों को महिलाओं की इज्जत करना सीखा सकते हैं
इन टिप्स से अपने बेटों को सिखाएं औरतों की इज्जत करना
1. गर्ल्स से हेल्दी रिलेशन रखें
अपने बेटों को यह सिखाएं कि यंग एज से ही लड़कियों के साथ एक पॉजिटिव फ्रेंडशिप बनाएं। यह पॉजिटिव फ्रेंडशिप उनके भाई-बहन, कजन या स्कूल के दोस्तों के साथ भी हो सकती है। इन दोस्तों के साथ उन्हें कैसा व्यवहार करना है यह भी सिखाएं। हर किसी को जेंटलमैन अच्छे लगते हैं ऐसे में अपने बच्चों में यह क्वालिटीज डालने की कोशिश करें, जैसे कि दूसरों की मदद करना, अपने समान को शेयर करना, साथ में खेलना और किसी के बारे में गलत कमेंट्स ना करना।
2. घर पर भी उदाहरण सेट करें
इंसान के अच्छे व्यवहार की शुरुआत घर से ही होती है। ऐसे में आप अपने घर पर अपने बेटे के लिए उदाहरण सेट करें। यहां पर बच्चों के पिता की भी एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि बच्चे का पिता ही औरतों से इज्जत से पेश नहीं आता तो इसका गलत असर बच्चे पर भी पड़ सकता है। इसीलिए आपके बच्चे का पुरुषों और महिलाओं के बीच एक इक्वल पार्टनरशिप विटनेस करना बहुत जरूरी है।
3. स्टीरियोटाइप को चैलेंज करें
आज भी समाज में कई प्रकार की रूढ़िवादी सोच प्रचलित है। ऐसे में अपने बेटों को बचपन से ही इन स्टीरियोटाइप और जेंडर बायस के खिलाफ लड़ना और आवाज उठाना सिखाएं। बेटों को भी कई ऐसे काम सिखाएं जो कि लड़कों के लिए करना स्टीरियोटाइप माना जाता है। जैसे कि घर के काम करना, खाना पकाना, बहन के बाल बनाना, कत्थक जैसा नृत्य से लड़को का परिचय करवाना इत्यादि। ऐसी चीजे पढ़ा के बहुत हद तक हम आने वाले समय में स्टीरियोटाइप को कम कर सकते हैं और जेंडर इक्वालिटी को बढ़ा सकते हैं।
4. कंसेंट सिखाएं
अपने बेटों को यंग एज में ही कंसेंट का पूरा कॉन्सेप्ट सिखाएं। उन्हें यह सिखाएं कि हर इंसान की एक पर्सनल बाउंड्री हो सकती है और उन्हें किसी भी प्रकार की फिजिकल कांटेक्ट या एक्टिविटी को ना करने के पूरे अधिकार होते हैं। ऐसे में उन्हें कंसेंट की इज्जत करनी और उनका महत्व जरूर समझाएं जो कि फ्यूचर में उनके हेल्दी और रिस्पेक्टफुल रिलेशनशिप को बनाने में मदद करेगा।
5. लड़कों में सहानुभूति जगाएं
अपने बेटों को यह सिखाएं कि रोना भी इंसान का एक इमोशन होता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लड़के भी बहुत हद तक संवेदनशील हो सकते हैं। अपने बच्चों को दूसरों से सहनाभूति करना भी सिखाए। उन्हें सिखाएं कि वह अपने जीवन में महिलाओं को समझें और जितना हो सके उन्हें सपोर्ट करें।