बच्चे को Good और Bad Touch ज़रूर सिखाएं

हमारे बच्चे बहुत मासूम होते हैं और उनकी मासूमियत को बचाये रखना ज़रूरी होता है। उनके मासूम और कोमल दिल को दुनिया के पंजों से बचाने ले लिए ज़रूरी है कि उन्हें फिजिकल एब्यूज की जानकारी शुरू से दी जाए।

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Mandie Panesar
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Tips To Teach Your Kid About Touch (Image Credit: freepik)

Tips To Teach Your Kid About Touch: हमारे बच्चे बहुत मासूम होते हैं और उनकी मासूमियत को बचाये रखना ज़रूरी होता है। उनके मासूम और कोमल दिल को दुनिया के पंजों से बचाने ले लिए ज़रूरी है कि उन्हें फिजिकल एब्यूज की जानकारी शुरू से दी जाए। 

बच्चे को Good & Bad Touch ज़रूर सिखाएं

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हम अपने बच्चों को कई तरह से सेफ रहना सिखाते हैं लेकिन सेक्शुअल और फिजिकल एब्यूज के बारे में बात करना कई बार हमें मुश्किल सा लगता है। आजकल के समय में बच्चों के साथ शारीरिक शोषण बहुत बढ़ गया है और हमें समय रहते अपने बच्चे को अनुचित फिजिकल टच के बारे में समझाना बहुत ज़रूरी है। आइए बात करेंगे कि किस तरह हम अपने बच्चे को फिजिकल एब्यूज के बारे में बताने की शुरुआत कर सकते हैं। 

1. उन्हें प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताएं

अपने बच्चे के साथ प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बात करें। उन्हें बताएं कि किस तरह उन्हें अपनी बॉडी को लेकर सबके सामने लिमिट्स सेट करनी हैं। अगर उनकी बॉडी को कोई उनकी मर्ज़ी के बगैर टच करे तो उन्हें 'ना' बोलना सिखाएं। अगर आप प्राइवेट पार्ट्स के बारे में उनसे खुलकर बात करेंगे तो वे भी जरूरत पड़ने पर आपसे बात करेंगे।  

2. गुड टच और बैड टच के बारे में बात करें 

बच्चे को समझाएं कि जब उन्हें किसी के टच करने पर सेफ और अपनापन फील हो तो वो गुड टच है वहीँ अगर उन्हें अनकम्फर्टेबल और 'यक' फीलिंग आये तो वह बैड टच होता है। इसके साथ यह बताना भी ज़रूरी है कि किन बॉडी पार्ट्स को टच करना नार्मल या एप्रोप्रियेट है और किन को नहीं। 

3. बात करते वक़्त नार्मल टोन रखें 

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बच्चे के साथ बात करते समय अपनी टोन को नार्मल रखें क्योंकि यह एक सेंसिटिव टॉपिक है और बच्चे का दिमाग अभी ऐसी बातों को नार्मल लेने के लिए डेवेलोप नहीं हुआ है। अगर आप इस बात के लिए अपनी टोन को नार्मल नहीं रख पाएंगे तो बच्चा डर भी सकता है। आप उनको नहलाने के टाइम या फिर स्कूल से पिक या ड्राप करते वक़्त ऐसी कन्वर्सेशन स्टार्ट कर सकते हैं। 

4. इसके बारे में बात करते रहें

अपने बच्चे के साथ थोड़े टाइम बाद इस चीज़ पर बात करते रहें। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होगा और उसके स्कूल फ्रेंड्स बनेंगे तो उसके इस टॉपिक पर कुछ सवाल हो सकते हैं जिनके बारे में बच्चा खुद बात करने में शाय फील कर सकते है। इसलिए आप इस कन्वर्सेशन को मौका मिलते ही नॉर्मलाइज़ करते रहें।  

5. जब वे कुछ बताना चाहें तो उन्हें सुनें 

जब आपका बच्चा आपसे कुछ कहना चाहे तो उसे टालें न। अगर वह आपको बताए कि कोई ऐसा इंसान है जो उन्हें अच्छा नहीं लगता तो उनसे इसकी वजह ज़रूर पूछें और उन्हें उस इंसान के साथ कभी अकेला न छोड़ें। 

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