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Toxic Shock Syndrome के बारे मे जानिए ये 5 महत्वपूर्ण बातें

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) एक गंभीर और संभावित जानलेवा स्थिति है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। टीएसएस के लक्षण जल्दी ही बढ़ सकते हैं। इसलिए, इस सिंड्रोम के बारे में जागरूकता और समय पर इलाज बेहद जरूरी है।

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Dibya Debasmita Pradhan
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5 Things You Should Know About Toxic Shock Syndrome: टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) एक गंभीर और संभावित जानलेवा स्थिति है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। यह आमतौर पर बैक्टीरिया के टॉक्सिन्स द्वारा उत्पन्न होती है और अधिकतर युवा महिलाओं को प्रभावित करती है। टीएसएस के लक्षण जल्दी ही बढ़ सकते हैं। इसलिए, इस सिंड्रोम के बारे में जागरूकता और समय पर इलाज बेहद जरूरी है।

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Toxic Shock Syndrome: टीएसएस के बारे मे जानिए ये 5 प्रमुख बातें

1. What is it?

टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (टीएसएस) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जो जीवाणुओं के कारण होती है। यह स्थिति शरीर में संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है और यह बहुत तेजी से गंभीर हो सकती है। टीएसएस आमतौर पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस या स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणुओं के कारण होता है जो विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करते हैं, जिससे शरीर में कई अंगों को नुकसान पहुँच सकता है।

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2. What causes it?

टीएसएस का मुख्य कारण स्टैफिलोकोकस ऑरियस या स्ट्रेप्टोकोकस जीवाणुओं का संक्रमण है। यह जीवाणु सामान्य रूप से त्वचा और नाक में पाए जाते हैं और अधिकांश समय किसी समस्या का कारण नहीं बनते। हालांकि, कुछ विशेष स्थितियों में यह जीवाणु तेजी से बढ़ सकते हैं और विषाक्त पदार्थ उत्पन्न कर सकते हैं। इसका प्रमुख कारण टैम्पोन का उपयोग हो सकता है। लंबे समय तक टैम्पोन के उपयोग से टीएसएस का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, त्वचा की चोटें जैसे कटने, जलने, या सर्जरी के बाद हुए घाव भी इसके कारण हो सकते हैं। त्वचा संक्रमण जैसे फोड़े, खरोंच या चिकनपॉक्स भी टीएसएस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

3. How to identify?

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टीएसएस के लक्षण तेजी से प्रकट हो सकते हैं और इनमें तेज बुखार (102°F या उससे अधिक), चक्कर आना या बेहोशी, उल्टी और दस्त, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर धब्बेदार लाल चकत्ते (सूरज की जलन जैसे), आँखों, गले और मुँह में लाली, और सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।

4. Any risk factor associated?

टीएसएस से जुड़े कुछ जोखिम कारक हैं जिनमें महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दौरान टैम्पोन का उपयोग, सर्जिकल प्रक्रियाओं के बाद के घाव, त्वचा की चोटें या संक्रमण, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली शामिल हैं। यह स्थिति पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सभी को प्रभावित कर सकती है, लेकिन मासिक धर्म के दौरान टैम्पोन का उपयोग करने वाली महिलाओं में इसका जोखिम अधिक होता है। इन जोखिम कारकों को समझना और इनसे बचने के उपाय अपनाना टीएसएस से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है।

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5. Yes, there is a cure

टीएसएस एक चिकित्सा आपातकाल है और इसका तुरंत इलाज करना आवश्यक होता है। इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है, जिससे संक्रमण को रोका जा सके। इसके अलावा, शरीर में तरल पदार्थ की कमी को पूरा करने के लिए द्रव आपूर्ति की जाती है। गंभीर मामलों में, मरीज को ICU में भर्ती करना पड़ सकता है। प्रारंभिक और त्वरित उपचार से टीएसएस से उबरने की संभावना बढ़ जाती है। यदि समय पर उपचार न मिले तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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