Plum Fruit: आपने उत्तरी या पहाड़ी प्रदेशों में गर्मियों में मिलने वाला लाल रंग का एक फल देखा होगा। नींबू के आकार का ये लाल रंग का फल कई बार लाल-बैंगनी या मेंजेंटा रंग में भी मार्केट में आता है। दरअसल इस फल का नाम होता है आलूू बुखारा, प्लम या कहीं-कहीं इसे अलूचा भी कहा जाता है। स्वाद में ये हल्का खट्टा और मीठा होता है। अलूचा या आलू बुखारा की बाहरी स्किन बहुत सॉफ्ट, ठीक टमाटर की जैसी होती है। इसको काटने पर अंदर गूदा पीले रंग का मिलता है।
प्लम, आलू बुखाया या अलूचा अपने स्वाद को लेकर काफी प्रसिद्ध है। पहाड़ी इलाकों में ज्यादा इसकी खेती की जाती है क्योंकि ये वहीं ज्यादा अच्छे से हो पाता है। उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में भी इसको फल के बाजार में देखा जा सकता है। प्लम के अंदर ऐसे गुण होते हैं जो शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से शरीर को फायदा पहुंचाते हैं।
आलू बुखारा खाने के क्या फायदे हैं
सेहत की नजर से आलू बुखारा खाने के निम्नलिखित बहुत से शारीरिक और मानसिक फायदे हैं :-
- तनाव दूर करता है : आलू बुखारा को रोजाना खाने से तनाव दूर होता है। ये दिमाग के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इससे भूलने से जुड़ी परेशानी दूर होती है।
- दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद : आलू बुखारा खाने से दिल का स्वास्थ्य सही रहता है। गर्मियों में इसका सेवन करने से शरीर में कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।
- त्वचा के लिए लाभप्रद : आलू बुखारा में विटामिन सी पाया जाता है जिससे ये त्वचा के लिए बहुत उपयोगी है। आलू बुखारा को खाने से त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होतीं।
- आंंखों के लिए लाभदायक : आलू बुखारा खाने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। इसमें विटामिन ए पाया जाता है जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
- कैंसर को करे दूर : विशेषज्ञों की मानें तो आलू बुखारा खाने से कैंसर से संबंधित परेशानियां पैदा नहीं होती। इसमें कैंसर को दूर करने के गुण होते हैं।
- मोटापा दूर करे : आलू बुखारा में फाइबर पाया जाता है। इसके सेवन से पाचन-तंत्र बेहतर बना रहता है और मोटापे संबंधी शिकायत दूर होती है।
- खून की कमी दूर करे : वहीं देखा जाए तो आलू बुखारा में आयरन पाया जाता है। इसको सेवन से खून की कमी नहीं होती, हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
आलू बुखारा का सेवन इस तरह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। आलू बुखारा में ज्यादा खटास होने पर ये दांतों में सेंसिटिविटी पैदा कर सकता है। ऐसे में इसे सावधानी से खाएं। वहीं बच्चों को आलू बुखारा देने पर बीज निकाल कर दें। ऐसा इसलिए कि कई बार बच्चों में इसका बीज पेट में जाने का डर रहता है।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।