Can PCOS Cause Infertility?: PCOS या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम महिलाओं में होने वाली एक आम दिक्कत है जो हार्मोन के असंतुलन की वजह से हो सकता है। इसकी वजह से महिलाओं के ओवरी में एण्ड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है, जिसके कारण ओवरी में ओवुलेशन नहीं हो पता। यह एक जटिल स्थिति है जिसमें ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं जिसके कारण हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है। PCOS का प्रभाव न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य पड़ता है बल्कि यह Infertility का कारण भी बन सकता है। तो आइए जानते हैं क्या PCOS बन सकता है Infertility का कारण?
PCOS के 5 कारण हो सकते है Infertility की वजह
1. अनियमित ओव्यूलेशन
PCOS का प्रभाव सबसे पहले ओवुलेशन पर पड़ता है जिसे हम एग रिलीस होने की प्रक्रिया कहते है। पीरियड्स के समय ओवरी में एग रिलीस होते है जो गर्भधारण के लिए sperm में जाकर मिलते है। PCOS के कारण हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिसकी वजह से इरेगुलर पीरियड्स की प्रॉब्लम देखने को मिलती है।ओव्यूलेशन या तो नहीं हो पाता है या बहुत कम होता है, जिससे गर्भधारण की संभावना काफी कम हो जाती है।
2. हॉर्मोनल असंतुलन
PCOS में महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है जिससे उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है जैसे चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे और वजन का बढ़ना। लेकिन हॉरमोन इंबैलेंस होने की वजह से महिलाओं के अंदर कंसीव करने की क्षमता कम होने लगती है। हार्मोन के असंतुलन की वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं जो गर्भधारण में बाधा डालती है।
3. इंसुलिन प्रतिरोध
PCOS से जूझ रही महिलाओं में अक्सर इंसुलिन बहुत अधिक पाया जाता है जिसका मतलब होता है शरीर में इंसुलिन का उपयोग अच्छी तरीके से नहीं हो रहा। इसके परिणाम स्वरुप हॉरमोन इंबैलेंस होते हैं और वजन में वृद्धि भी देखने को मिलती है जो बांझपन का कारण बनती है। यह स्थिति आगे जाकर डायबिटीज का कारण बन सकती है प्राग्नेंसी में परेशानियां उत्पन करती है।
4. एण्डोमेट्रियल डिसफंक्शन
PCOS के कारण यूटरस की परत सामान्य रूप से विकसित नहीं हो पाती है जो गर्भधारण की प्रक्रिया में आवश्यक होता है। ओवुलेशन के बाद गर्भाशय की परत प्रेगनेंसी के लिए तैयार होती है लेकिन PCOS के कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती या फिर इसमें बाधा आती है। इसके कारण बार-बार मिसकैरेज या गर्भधारण में असफलता हो सकती है।
5. वजन बढ़ना
PCOS के कारण वजन बड़ने की समस्या बहुत ज्यादा होती है। यह वजन बड़ाने के साथ इंसुलिन का स्तर भी बढ़ाता है और हार्मोन को इंबैलेंस करता है जिसका सीधा असर कंसीविंग की क्षमता पर पड़ता है। अगर वजन अतिरिक्त है तो ओवुलेशन की प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है जिससे गर्भधारण की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।