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Pregnancy Problem: गर्भावस्‍था में रातों की नींद उड़ने की वजह हो सकती है प्रेगनेंसी इंसोम्निया, जानें इसके कारण और बचाव

गर्भावस्था एक महिला के जीवन का अनमोल समय होता है, लेकिन इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक बदलाव कई चुनौतियाँ भी लाते हैं। इनमें से एक आम समस्या है प्रेगनेंसी इंसोम्निया या गर्भावस्था में नींद न आना।

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Priyanka upreti
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Pregnant Ladies(FREEPIK)

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Causes and Tips to Manage Sleepless Nights During Pregnancy : गर्भावस्था एक महिला के जीवन का अनमोल समय होता है, लेकिन इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक बदलाव कई चुनौतियाँ भी लाते हैं। इनमें से एक आम समस्या है प्रेगनेंसी इंसोम्निया या गर्भावस्था में नींद न आना। यह समस्या महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय।

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गर्भावस्‍था में रातों की नींद उड़ने की वजह हो सकती है प्रेगनेंसी इंसोम्निया, जानें इसके कारण और बचाव

प्रेगनेंसी इंसोम्निया के कारण

गर्भावस्था के दौरान नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जो शारीरिक और मानसिक बदलावों से जुड़े होते हैं।

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शारीरिक असुविधा: बढ़ते पेट के कारण सोने में परेशानी होती है। सही स्थिति में सोना मुश्किल हो सकता है।
हॉर्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी के दौरान प्रोजेस्ट्रोन और अन्य हॉर्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जो नींद के चक्र को प्रभावित कर सकते हैं।
बार-बार पेशाब आना: गर्भाशय के बढ़ने से ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है, जिससे रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़ता है।
तनाव और चिंता: गर्भावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों, डिलीवरी की चिंता और बच्चे की देखभाल को लेकर मानसिक तनाव भी नींद को बाधित कर सकता है।
पेट में जलन और अपच: हार्मोनल बदलाव और बढ़ते गर्भाशय के कारण एसिड रिफ्लक्स या हार्टबर्न जैसी समस्याएँ होती हैं, जो सोने में रुकावट डाल सकती हैं।

प्रेगनेंसी इंसोम्निया से बचाव के उपाय

सोने का समय तय करें: एक नियमित रूटीन बनाएं और रोज़ाना एक ही समय पर सोने की आदत डालें।
आरामदायक स्थिति में सोएं: बाईं ओर करवट लेकर सोना बेहतर होता है, क्योंकि यह भ्रूण को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। प्रेगनेंसी पिलो का उपयोग करें।
हल्का भोजन करें: सोने से पहले भारी और मसालेदार भोजन से बचें। इससे अपच और जलन कम होगी।
कैफीन से बचें: चाय, कॉफी और अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें।
ध्यान और योग करें: रिलैक्सेशन तकनीक, जैसे प्रेगनेंसी योगा और ध्यान, मानसिक तनाव को कम करके नींद को बेहतर बनाते हैं।
हल्का व्यायाम: दिन में हल्का व्यायाम करने से रात में गहरी नींदआती है।
मनोवैज्ञानिक मदद लें: अगर चिंता अधिक हो रही हो, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि नींद न आने की समस्या लंबे समय तक बनी रहे और यह आपके स्वास्थ्य पर असर डाल रही हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें। नींद की दवाइयों का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
गर्भावस्था में प्रेगनेंसी इंसोम्निया एक सामान्य समस्या है, लेकिन सही देखभाल और उपायों से इसे प्रबंधित किया जा सकता है। याद रखें, माँ और बच्चे का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है।

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