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Difference between PCOS and PCOD: PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) और PCOD (Polycystic Ovarian Disease) दोनों महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी समस्याएं हैं, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं।
PCOS और PCOD में क्या अंतर है?
1. PCOD (Polycystic Ovarian Disease)
- स्वभाव: यह एक बीमारी है जिसमें महिलाओं के अंडाशय (ovaries) सामान्य से ज्यादा अंडाणु (eggs) पैदा करते हैं। ये अंडाणु पूरी तरह से विकसित नहीं होते और अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट (cysts) का रूप ले लेते हैं।
- लक्षण: इसमें अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, चेहरे पर मुंहासे और बालों का झड़ना हो सकता है। इसके बावजूद, ज्यादातर महिलाएं इस स्थिति में नियमित जीवन जीने और प्राकृतिक रूप से गर्भवती होने में सक्षम होती हैं।
- इलाज: सही खानपान, एक्सरसाइज, और जीवनशैली में सुधार से PCOD को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)
- स्वभाव:यह एक सिंड्रोम है, यानी एक बड़ा हार्मोनल विकार, जो मेटाबॉलिक और एंडोक्राइन सिस्टम पर असर डालता है। इसमें अंडाशय में कई सिस्ट बनने लगते हैं, जिससे अंडाणु नियमित रूप से नहीं निकल पाते।
- लक्षण:PCOS के लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं, जैसे कि अनियमित या बहुत कम पीरियड्स, अत्यधिक वजन बढ़ना, पुरुषों जैसी शरीर में बालों की वृद्धि (hirsutism), बालों का झड़ना, त्वचा पर डार्क पैचेज, और बांझपन की समस्या।
- इलाज: PCOS को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे दवाइयों, हार्मोनल ट्रीटमेंट, और जीवनशैली में बदलाव के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। इसका समय पर इलाज न करने पर यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
3. मुख्य अंतर
- गंभीरता:PCOS PCOD से अधिक गंभीर होता है और इसका प्रभाव संपूर्ण शरीर पर पड़ता है, जबकि PCOD मुख्य रूप से अंडाशय की समस्या है।
- प्रभाव: PCOD से प्रभावित महिलाएं सामान्य जीवन जी सकती हैं और प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर सकती हैं, जबकि PCOS में बांझपन की संभावना अधिक होती है।
- इलाज की आवश्यकता:PCOD को जीवनशैली में सुधार के साथ नियंत्रित किया जा सकता है, जबकि PCOS में दवाइयों और अधिक चिकित्सकीय ध्यान की आवश्यकता होती है।