Underarms Deodorant: गर्मियों के मौसम में अंडरआर्म्स से बदबू आना एक आम समस्या हो गई है। गर्मियों के यह पुरुष और महिला दोनों को ही होती है। इसके लिए लोग तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं जिसमे से एक है, अंडरआर्म्स डिओडोरेंट। कई प्रसिद्द कम्पनियों के अंडरआर्म्स डिओडोरेंट मार्केट में उपलब्ध हैं। ये हमारे अंडरआर्म्स की बदबू और पसीने को को ठीक कर देते हैं लेकिन यह हमारी स्किन को काफी ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।अंडरआर्म्स डिओडोरेंट में मौजूद तमाम तरह के कैमिकल्स हमारी स्किन में खुजली, दर्द या इन्फेक्शन पैदा कर देते हैं। कहा यह भी जाता है कि अंडरआर्म्स डिओडोरेंट को लगातार इस्तेमाल करने से अंडरआर्म्स की स्किन डार्क होने लगती है।
जानिए अंडरआर्म्स डिओडोरेंट से क्या नुकसान हो सकते हैं
1. स्किन इरीटेशन
अंडरआर्म डिओडोरेंट में मौजूद इंग्रीडिएंट्स से स्किन इरिटेशन या एलर्जी हो सकती है। इनके रिएक्शंस से रेडनेस, इचिंग और रैशेज हो सकते हैं। सेंसिटिव स्किन के लिए फ्रेगरेंस, एल्कोहल जैसी चीजों से संभावित रूप से प्रॉब्लम्स हो सकती है।
2. एल्युमिनियम कॉन्टेंट
बहुत सारे अंडरआर्म डिओडोरेंट्स में एल्युमिनियम कंपाउंड होते हैं, जैसे एल्युमिनियम क्लोरोहाइड्रेट या एल्युमिनियम ज़िरकोनियम, जो पसीने के प्रोडक्शन को कम करने में हेल्प करते हैं। लॉन्ग टर्म एल्यूमीनियम एक्सपोजर के इफेक्ट्स हेल्थ के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं। कुछ रिसर्चेस के मुताबिक एल्यूमीनियम एक्सपोजर से कुछ हेल्थ कंडीशंस जैसे ब्रेस्ट कैंसर और अल्जाइमर जैसे रोगों के होने की संभावना भी हो सकती है, हालांकि अभी इस पर रिसर्च जारी है।
3. बॉडी के नेचुरल प्रोसेस में कमी आना
अंडरआर्म डिओडोरेंट पसीने को आने से कम करता है और स्किन पर बैक्टीरिया के नेचुरल बैलेंस को चेंज करके काम करते हैं। पसीना आना एक नेचुरल प्रॉसेस है जो बॉडी के टेंपरेचर को कंट्रोल करने और टॉक्सिंस को खत्म करने में हेल्प करती है। पसीने को रोककर, ओडर को दूर करने का प्रोसेस बॉडी के नेचुरल फंक्शन को इंटरफेयर कर सकता है।
4. कपड़ों के फैब्रिक और कलर को डल कर सकते हैं
कुछ डिओडोरेंट्स में एल्यूमीनियम कंपाउंड्स होते हैं, जिनसे टाइम के साथ कपड़ों पर यलो स्टेंस हो सकते हैं। इन दागों को हटाना बहुत मुश्किल हो सकता है। यह आपके कपड़ों की फैब्रिक और कलर को ख़राब कर सकता है।
5. इन्वायरमेंटल इंपैक्ट
कई व्यावसायिक डिओडोरेंट प्लास्टिक पैकेजिंग में आते हैं, जो प्लास्टिक कचरे और पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाते हैं। कुछ डिओडोरेंट्स में ऐसे इंग्रीडिएंट्स होते हैं जो एनवायरमेंट के लिए हार्मफुल होते हैं ।जब ये पानी और ईकोसिस्टम में मिक्स हो जाते हैं तो इनवायरमेंट के लिए हार्मफुल साबित होते हैं।