मधुमेह के रोगियों में, रेटिना की छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनमें रिसाव, सूजन या ब्रश जैसी शाखाएं विकसित हो जाती हैं। यह गिरावट रेटिना की रक्त वाहिकाओं को रेटिना को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं करने का कारण बनती है जो अंततः धुंधली दृष्टि की ओर ले जाती है। इस स्थिति के बिगड़ने से व्यक्ति को दृष्टि में धुंधलापन, अंधे धब्बे, फ्लोटर्स या यहां तक कि अचानक दृष्टि की हानि का अनुभव हो सकता है।
Eyecare During Diabetes: डायबिटीज में आंखों की देखभाल कैसे करें?
मधुमेह एक जटिल मेटाबोलिक रोग है जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त या किसी भी मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है, जो रेटिना, कांच, लेंस और ऑप्टिक तंत्रिका सहित आंख को प्रभावित कर सकता है।
मधुमेह रोगी आंखों की समस्याओं से बचने के लिए क्या कर सकता है?
1. स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें
एक स्वस्थ जीवन शैली को किसी भी बीमारी का उत्तर कहा जाता है, खासकर जब बात मधुमेह की हो। डायबिटिक रेटिनोपैथी को रोकने के लिए व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखकर स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना चाहिए।
2. धूम्रपान या शराब पीना छोड़ दें
अध्ययनों से पता चला है कि तीन परिवर्तनीय व्यवहार - धूम्रपान, शराब पीना और शारीरिक गतिविधि दृष्टि में परिवर्तन से जुड़े थे। डॉ सचदेव का सुझाव है कि स्वस्थ स्तर को बनाए रखते हुए धूम्रपान और शराब पीने जैसी बुरी आदतों को खत्म करने से डायबिटिक रेटिनोपैथी को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।
3. धूप से बचाव
सनग्लासेस पहनकर आप अपनी आंखों को सूरज की खतरनाक यूवी रेडिएशन से बचा कते हैं। कहना है कि इन किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद के विकास में तेजी लाई जा सकती है। इसलिए, धूप में बाहर निकलते समय हमेशा धूप का चश्मा पहनें और कभी-कभी आप गंदगी को साफ करने के लिए माइल्ड लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. आंखों की नियमित जांच कराएं
मधुमेह के व्यक्ति को आपके रक्त शर्करा के स्तर के आधार पर छह महीने या तीन महीने की अवधि में नियमित रूप से आंखों की जांच कराते रहना चाहिए। आंखों से संबंधित मधुमेह की जटिलताओं का शीघ्र पता लगाने से दृष्टि क्षति को रोका जा सकता है।