Midlife & Burnout: महिलाएं जानें इससे निपटने के तरीके

महिलाओं के जीवन में मिडलाइफ एक ऐसा पड़ाव है, जहां उन्हें इमोशनल, फिजिकल और मेंटल थकावट से गुजरना पड़ता है। इसका मुख्य कारण लंबे समय तक स्ट्रेस झेलना है जैसे काम का दबाव, परिवार की जिम्मेदारियाँ और मेनोपॉज़ के कारण होने वाले हार्मोनल बदलाव।

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Rajveer Kaur
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Menopause (Freepik)

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महिलाओं के जीवन में मिडलाइफ एक ऐसा पड़ाव है, जहां उन्हें इमोशनल, फिजिकल और मेंटल थकावट से गुजरना पड़ता है। इसका मुख्य कारण लंबे समय तक स्ट्रेस झेलना है जैसे काम का दबाव, परिवार की जिम्मेदारियाँ और मेनोपॉज़ के कारण होने वाले हार्मोनल बदलाव। ऐसे में महिलाएं बर्नआउट का शिकार हो सकती हैं। बहुत सारी महिलाएं उलझन में भी पड़ जाती हैं क्योंकि उन्हें कई जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना पड़ता है।

Midlife & Burnout: महिलाएं जानें इससे निपटने के तरीके 

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मिडलाइफ में बर्नआउट बहुत आम है क्योंकि महिलाओं को घर, काम, बच्चों की देखभाल और बड़ों का ख्याल रखना पड़ता है। इसके साथ ही उनका शरीर भी फिजिकल और मेंटल बदलाव से गुजर रहा होता है, जिसका असर उनके मूड, एनर्जी, नींद और कॉग्निटिव फंक्शन पर पड़ता है। इसलिए छोटे से छोटे स्ट्रेस को भी मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। इसके ऊपर सामाजिक दबाव भी बहुत ज्यादा होता है। कई बार महिलाएं सोचने लगती हैं कि शायद वे कमजोर हो गई हैं या आलसी हैं जबकि वास्तव में यह बर्नआउट की वजह से हो रहा होता है। इसके लिए उन्हें सेल्फ-केयर, सपोर्ट और लाइफस्टाइल बदलाव की जरूरत होती है।

बर्नआउट की पहचान

सबसे पहले, महिलाओं को बर्नआउट की पहचान करनी चाहिए। यह पहला कदम है, जिसमें आप अपनी भावनाओं को स्वीकार करना शुरू करेंगी और अपनी बॉडी की जरूरतों को समझेंगी। यह कोई कमजोरी नहीं है, बल्कि अपने शरीर और मन के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है।

सिंपल लाइफ 

बढ़ती उम्र के साथ हम अपनी जिंदगी को जटिल बनाने लगते हैं। हमें लगता है कि सब कुछ हमें ही करना है और दूसरों को शामिल करना मुश्किल लगता है। हम जरूरी कामों के साथ-साथ गैर-जरूरी कामों का भी भार अपने ऊपर ले लेते हैं। इसलिए जीवन को सरल बनाना और ओवरवेलम होने से बचना बहुत जरूरी है।

आराम और नींद 

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आराम और नींद पर ध्यान देना बेहद आवश्यक है। कई महिलाएं एक उम्र के बाद इसे नजरअंदाज कर देती हैं। आपकी बॉडी और मन को रिकवरी के लिए पर्याप्त नींद और आराम चाहिए। आप योग और वॉकिंग कर सकती हैं, इससे मूड बेहतर होगा। कोशिश करें कि रात में कम से कम 8 घंटे की नींद लें और काम के बीच ब्रेक्स भी लें।

फिजिकल एक्टिविटी 

फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत जरूरी है। इससे आपका मूड और नींद दोनों बेहतर होंगे और आप स्ट्रेस को संभालने में सक्षम होंगी। आप वॉकिंग, योग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकती हैं।

लोगों से कनेक्ट करें 

बर्नआउट तब होता है जब आप अपना मेंटल लोड किसी के साथ शेयर नहीं करती। इसलिए आप अपने दोस्तों, परिवार या थैरेपिस्ट से बात करें। अपने दिल की बातें साझा करने से इमोशनल टेंशन कम होगी और अकेलापन भी दूर होगा। कई महिलाएं इसलिए बर्नआउट का शिकार होती हैं क्योंकि उनके आसपास सपोर्ट सिस्टम नहीं होता। जब आप सही सपोर्ट ढूंढ लेती हैं और अपना भार बांटती हैं, तो आपको बहुत बेहतर महसूस होता है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।