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How to handle mood swings caused by hormonal changes: कभी बेवजह चिड़चिड़ापन, कभी अचानक उदासी, और फिर बिना कारण खुश हो जाना ये सभी मूड स्विंग्स के संकेत हो सकते हैं। खासकर महिलाओं में हार्मोनल बदलाव की वजह से यह समस्या ज्यादा आम है, जैसे पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या hormonal के दौरान। लेकिन अच्छी बात यह है कि इन उतार-चढ़ाव भरे मूड्स को समझकर और कुछ आसान तरीकों को अपनाकर आप खुद को बेहतर Tips से संभाल सकती हैं।
हार्मोनल बदलाव से होने वाले मूड स्विंग्स को ऐसे संभालें
अपने मूड को समझें और एक्सेप्ट करें
सबसे पहले ज़रूरी है कि आप अपने मूड स्विंग्स को पहचानें और उन्हें दबाने की बजाय एक्सेप्ट करें। ये एक Natural प्रोसेस है और इसे लेकर शर्म या गिल्ट महसूस करने की ज़रूरत नहीं है।
हेल्दी डायट से हार्मोनल बैलेंस बनाए रखें
फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन B6 और मैग्नीशियम युक्त फूड्स हार्मोन बैलेंस में मदद करते हैं। ज्यादा नमक, कैफीन और शुगर लेने से बचें क्योंकि ये मूड स्विंग्स को और बढ़ा सकते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी से मूड करें बूस्ट
योग, वॉक या हल्की एक्सरसाइज करने से शरीर में एंडॉर्फिन रिलीज होता है, जो नेचुरल मूड लिफ्टर होता है। यह न केवल मूड को बेहतर बनाता है, बल्कि तनाव को भी कम करता है।
बात करें और खुद को ज़ाहिर करें
कभी-कभी मन की बात किसी भरोसेमंद दोस्त, पार्टनर या परिवार के सदस्य से शेयर करना ही काफी सुकून दे सकता है। ज़रूरत हो तो प्रोफेशनल हेल्प लेने से भी न हिचकिचाएं।
नींद और आराम को न करें नज़रअंदाज़
हर दिन 7–8 घंटे की अच्छी नींद हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। साथ ही, रेस्ट करना आपके दिमाग को रिलैक्स करने का समय देता है।
हार्मोनल बदलाव और Mood Swing को Control करना मुश्किल ज़रूर हो सकता है, लेकिन नामुमकिन नहीं। खुद को समझें, अपनी बॉडी की ज़रूरतों को पहचानें और एक हेल्दी रूटीन अपनाएं। याद रखिए, आत्म-देखभाल सिर्फ शरीर की नहीं, दिमाग और इमोशंस की भी ज़रूरत है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।