Know About Premenstrual Syndrome: PMS जिसे प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम कहते है यह एक गंभीर समस्या होती है। यह सिंड्रोम महिलाओं में पीरियड शुरू होने के एक या दो हफ्ते पहले होता है। जिन महिलाओं को यह सिंड्रोम होता है उनमें अक्सर पीरियड शुरू होने के एक दो हफ्ते पहले कई सारे लक्षण देखे जाते हैं। यह सारे लक्षण पीरियड खत्म होने के चार दिन के भीतर-भीतर खत्म भी हो जाते हैं। प्री मेंस्ट्रूअल सिंड्रोम के होने का कारण अब तक विशेषज्ञों को नहीं मालूम, पर कहा जाता है कि यह हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण भी हो सकता है। आईए जानते हैं सीएमएस के बारे में यह पांच बातें।
जानें PMS के बारे में ये 5 बातें
1. मानसिक लक्षण
मानसिक लक्षण जैसे कि थकान, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और अपने इमोशंस में बेकाबू हो जाना भी हो सकता है। यह लक्षण किसी-किसी में बहुत अधिक या कम भी हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों के होने पर अक्सर डिप्रेशन का भी खतरा बढ़ जाता है।
2. बॉडी पेन
नॉर्मल बॉडी पेन तो लगभग हर महिला को पीरियड के दौरान होता है पर मांसपेशियों, कमर और पैर में बहुत अधिक दर्द होना PMS के लक्षण होते हैं। ऐसे में अधिक से अधिक आराम की आवश्यकता होती है।
3. अधिक पेट दर्द
PMS में पीरियड क्रैंप्स काफी अधिक हो सकते हैं। पेट के निचले भाग में काफी ज्यादा भारीपन और दर्द देखा जाता है। यह दर्द असहनीय भी हो सकता है। ऐसे में एक विशेष डॉक्टर की सलाह काफी आवश्यक होती है क्योंकि पेन किलर के बिना इस दर्द से छुटकारा पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
4. वजन बढ़ना
PMS में हार्मोनल डिसबैलेंस होने के कारण और साथ ही अधिक भूख लगने और काफी ज्यादा क्रेविंग होने के कारण भी वजन बढ़ने लग जाता है। अक्सर देखा जाता है कि PMS से ग्रसित होने के बाद महिलाओं के वजन में वृद्धि हो जाती है।
5. अनिद्रा
PMS में अधिक तनाव, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और थकावट के कारण और अनिद्रा हो सकती है। PMS में अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को सोने में प्रॉब्लम होती है और इनसोम्निया हो सकता है। अनिद्रा भी डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
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