जानिए कैसे आपकी Mental Health आपकी Gut Health को प्रभावित करती है?

मानसिक तनाव, चिंता और भावनाएँ सीधे आपकी गट हेल्थ को प्रभावित करती हैं। जानिए कैसे Mind–Gut Connection आपके पाचन, मूड और समग्र स्वास्थ्य को बदल देता है।

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Deepika Aartthiya
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Photograph: (Shefinds & Organicolivia)

हम अक्सर माइंड और पेट को दो अलग चीज़ें मानते हैं, लेकिन असल में दोनों का आपस में गहरा रिश्ता है। जब आपका मन तनाव, चिंता या उदासी से घिरा होता है, तो इसका सीधा असर आपके पेट और Digestion System पर पड़ता है। यही वजह है कि स्ट्रेस बढ़ते ही पेट दर्द, भूख कम होना, एसिडिटी या IBS (Irritable Bowel Syndrome) जैसे लक्षण उभर आते हैं। ऐसे में गट एंड माइंड कनेक्शन को समझना बहुत ज़रूरी है। आखिरकार एक हैल्दी माइंड ही हैल्दी बॉडी की फाउंडेशन होता है।

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जानिए कैसे आपकी Mental Health आपकी Gut Health को प्रभावित करती है?

1. Gut और Mind कैसे जुड़े हैं?

गट और माइंड एक लंबी नर्व से जुड़े होते हैं जिसे “वेगस नर्व” कहा जाता है। यह नर्व आपकी भावनाओं, स्ट्रेस लेवल और बॉडी के कई फ़ंक्शन्स को सीधा प्रभावित करती है। जब माइंड पर किसी तरह का स्ट्रेस होता है, तो यही नर्व गट को “सिग्नल” भेजती है और पाचन असंतुलित होने लगता है।

2. स्ट्रेस पाचन को कैसे बिगाड़ता है?

जब आप तनाव में होते हैं, आपका शरीर “फाइट या फ़्लाइट” मोड में चला जाता है। जिससे कई तरह की प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है जैसे पेट में एसिड बढ़ जाता है और पाचन की गति गड़बड़ा जाती है। कई बार ब्लोटिंग, एसिडिटी, गैस या कब्ज़ जैसी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता हैं। लगातार तनाव पाचन तंत्र की नॉर्मल मूवमेंट को भी slow या fast कर देता है, जिससे IBS जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

3. Anxiety और डिप्रेशन का गट पर असर

हाई लेवल की चिंता या डिप्रेशन गट माइक्रोबायोम यानी “अच्छे बैक्टीरिया” को डिस्टर्ब कर देता है। इससे इम्युनिटी कमजोर होती है, पाचन में सूजन बढ़ती है और पेट भारी रहना, मतली और भूख में बदलाव होते हैं। 

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4. ये असर दो तरफा है 

कई बार हम देखते है कि अगर किसी दिन हमारा stomach अपसेट रहता है तो हमारा माइंड भी अपसेट रहता है। कुछ रिसर्च भी यह दिखाती है कि ये असर हमेशा एक तरफा ही नहीं होता। केवल माइंड ही गट हैल्थ पर बुरा असर नहीं डालता। बल्कि कभी-कभी आपकी ख़राब गट हैल्थ भी माइंड को प्रभावित कर सकती है। gut health खराब होने पर मूड भी और बिगड़ सकता है। यानी यह प्रभाव दो तरफ़ा है।

5. आपकी भावनाएँ और खाने का पैटर्न

स्ट्रेस में कई लोगों की भूख कम हो जाती है, जबकि कई लोग इमोशनल ईटिंग करने लगते हैं। दोनों ही हालात गट हेल्थ के लिए ठीक नहीं। अनियमित भोजन, ज़्यादा मीठा और प्रोसेस्ड फूड गट बैक्टीरिया को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पाचन और mood दोनों पर असर पड़ता है।

6. मेंटल हैल्थ ठीक करेंगे तो Gut खुद सुधरने लगेगा

मेंटल हेल्थ का असर देखते हुए इतना तो साफ़ हो जाता है कि अगर हमें अपना गट हैल्थ सुधारना है तो सबसे पहले हमें अपनी मेंटल हेल्थ पर काम करना होगा। इसके लिए हम मेडिटेशन, ध्यान, deep breathing और योग जैसी मन को शांत करने वाली एक्टिविटीज़ का सहारा ले सकते है। अच्छी नींद भी गट हीलिंग में मदद करती है। साथ ही, आप डाइट में थोड़ा बदलाव कर सकते है। आप फाइबर, दही और प्रोबायोटिक फूड जो गट बैक्टीरिया को मजबूत बनाते हैं, का भी इस्तेमाल जार सकती हैं। इस तरह से स्ट्रेस कम होने पर डाइजेशन अपने आप बैलेंस्ड हो जाता है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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