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Side Effects Of Tattooing: जानिए क्या हैं टैटू बनवाने के साइड इफेक्ट्स

आज कल लोग टैटू बनवाने का बहुत ज्यादा शौक रखते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ लोग तो आज कल अपनी पूरी बॉडी पर ही टैटू बनवा लेते हैं। आज कल के समय में यंगस्टर्स में टैटू बनवाने का क्रेज कुछ ज्यादा ही देखा जाता है। अधिक पढ़ें इस हैल्थ ब्लॉग में-

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Priya Singh
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Side Effects Of Tattooing(NBT)

Know What Are The Side Effects Of Tattooing (Image Credit- NBT)

Side Effects Of Tattooing: आज कल लोग टैटू बनवाने का बहुत ज्यादा शौक रखते हैं। आपने देखा होगा कि कुछ लोग तो आज कल अपनी पूरी बॉडी पर ही टैटू बनवा लेते हैं। आज कल के समय में यंगस्टर्स में टैटू बनवाने का क्रेज कुछ ज्यादा ही देखा जाता है। ज्यादातर लोग अच्छा दिखने या किसी पर्सनल थॉट को दिखाने के लिए टैटू बनवाते हैं। टैटू बनवाने से बॉडी अट्रैक्टिव दिखने लगती है। लेकिन टैटू बनवाते समय जो सुई शरीर पर बार-बार चुभाई जाती है वह आपकी हेल्थ और मसल्स की हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकती है। यह टैटू जितने अट्रैक्टिव दिखते हैं उनके उतने ही ज्यादा नुकसान भी हैं। टैटू में उपयोग किये जाने वाले कलर्स से भी कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। टैटू बनवाने वाले इंसान को कई तरह की स्किन एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है। 

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आइये जानते हैं बॉडी पर टैटू बनवाने से होने वाले नुकसान 

1. इन्फेक्शन

यदि उचित स्टेरीलाइजेशन प्रोसीजर को फॉलो नहीं किया जाता है या यदि टैटू वाले एरिया को हीलिंग के दौरान क्लीन और प्रोटेक्टेड नहीं रखा जाता है, तो इन्फेक्शन का खतरा होता है।

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2. एलर्जी रिएक्शंस 

कुछ लोगों को टैटू में यूज होने वाले पिगमेंट्स से एलर्जी हो सकती है। इससे टैटू वाली जगह पर रेडनेस, इचिंग, स्वेलिंग या रैशेज हो सकते हैं। ज्यादा गंभीर एलर्जी होना मुस्किल है लेकिन हो सकती हैं।

3. स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम्स 

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टैटू कई तरह की स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम का कारण बन सकता है, जैसे उभरे हुए या मोटे निशान (केलोइड्स), ग्रैनुलोमा (टैटू के चारों ओर छोटे उभार), या हाइपरट्रॉफिक निशान (लाल, उभरे हुए निशान)। सेल्युलाइटिस या फोड़े-फुंसी जैसे स्किन इन्फेक्संस भी हो सकते हैं।

4. स्किन कलर चेंज होना 

कभी-कभी, टैटू से स्किन के कलर में चेंजेस हो सकते हैं, जिसकी वजह से टैटू वाले क्षेत्र के आसपास हाइपोपिगमेंटेशन (हल्का होना) या हाइपरपिग्मेंटेशन (काला होना) हो सकता है।

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5. ब्लड रिलेटेड डिजीज 

यदि बिना कीटाणुरहित उपकरण का उपयोग किया जाता है या प्रॉपर हाइजीन को फॉलो नहीं किया जाता है, तो हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी या एचआईवी जैसी रक्तजनित बीमारियाँ फैलने का खतरा होता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि टैटू स्टूडियो स्ट्रिक्ट इन्फेक्शन प्रोटोकॉल का पालन करता है।

6. पेन और डिसकम्फर्ट 

गोदने में स्किन को सुइयों से छेदना शामिल है, जिससे अलग-अलग डिग्री का दर्द और असुविधा हो सकती है। अनुभव किए गए दर्द का स्तर व्यक्तिगत दर्द सहनशीलता, टैटू के स्थान और डिज़ाइन के आकार जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकता है।

चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

नुकसान Tattooing Side Effects Of Tattooing टैटू
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