Problem Of Weak Eyesight In Kids: इस न्यू जनरेशन में बच्चों में आंखों में प्रॉब्लम देखी जाती है। जिसके कारण उन्हें लेंस या चश्मे की आवश्यकता पड़ती है। न्यू जनरेशन में यह प्रॉब्लम के बढ़ने के कई सारे कारण है। लोगों की आईसाइट धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही है। यह कई सारे प्रिकॉशन को न लेने के कारण भी होता है। आईसाइट कमजोर होने का कारण बहुत अधिक स्क्रीन टाइम, न्यूट्रिशन की कमी और सही ढंग से देखभाल न करने के कारण भी होता है। आईए जानते हैं बच्चों में बढ़ रही आंखों की प्रॉब्लम को कैसे कम किया जा सकता है।
क्यों बढ़ रही बच्चों में आंखों की प्रॉब्लम
सही न्यूट्रिशन
बचपन से ही बच्चों को सही न्यूट्रिशन देने की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। जिससे कि उनमें किसी भी बीमारी का खतरा कम हो जाता है। सही न्यूट्रिशन देने से आंखों की हैल्थ भी सही रहती है। जिससे कि आंखें कमजोर होना और आईसाइट पर किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है।
एक्सरसाइज
बच्चों को बचपन से ही एक्सरसाइज का महत्व सिखाना बहुत जरूरी होता है। बचपन में ही बच्चों की ग्रोथ एज में वह जितना ज्यादा एक्टिव होते हैं। उनकी ग्रोथ उतनी अच्छी होती है। आवश्यक है कि बच्चों को बचपन से ही एक्सरसाइज, योग और स्ट्रेचिंग के बारे में सिखाएं और उनसे प्रैक्टिस करवाएं। यह उनके बोन हेल्थ, मांसपेशियों, ब्रेन डेवलपमेंट और आई हैल्थ के लिए भी आवश्यक होता है।
कम स्क्रीन टाइम
बचपन से ही बच्चों को बहुत अधिक स्क्रीन टाइम की आदत डलवाना जैसे की बहुत अधिक फोन, टीवी, कंप्यूटर का इस्तेमाल उनकी आंखों में बहुत से दुष्प्रभाव डालता है। जिसके कारण आंखों का कमजोर होना स्वाभाविक है।
रेगुलर चेकअप
कई बार रेगुलर चेकअप न करने के कारण भी आंखों में हो रही प्रॉब्लम का पता नहीं चल पाता और लंबे समय तक इसे अनदेखा करने से प्रॉब्लम बढ़ सकती है। जिससे आंखों में हुई दिक्कतें कई गुना बढ़ जाती हैं।
खून की कमी
छोटे बच्चों में अक्सर खून की कमी, एनीमिया जैसी परेशानी देखी जाती है। उसके कारण आंखों के कमजोर होना, उनके ग्रोथ पर असर और ब्रेन डेवलपमेंट पर भी प्रभाव देखा जाता है। बच्चों के डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना बहुत आवश्यक है जो उन्हें न्यूट्रिशन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में दे।