Irregular Periods: पीरियड्स कभी जल्दी कभी देर से आते हैं? जानिए क्यों हो रहा ऐसा

हर महिला की जिंदगी में पीरियड को लेकर स्ट्रेस होता है। ऐसे में अगर पीरियड्स अनियमित आते हैं या फिर आपकी हर महीने समय से पहले पीरियड आ जाते हैं या फिर इनमें देरी हो जाती है तो ऐसे में यह सिचुएशन बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेटिंग और इरिटेटिंग हो जाती है-

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Effects of irregular periods

File Image

हर महिला की जिंदगी में पीरियड को लेकर स्ट्रेस होता है जिसे वह हर महीने झेलती है। ऐसे में अगर पीरियड्स अनियमित आते हैं या फिर समय से पहले पीरियड आ जाते हैं या फिर इनमें देरी हो जाती है तो ऐसे में यह सिचुएशन बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेटिंग और इरिटेटिंग हो जाती है। ऐसे में आप पीरियड भी ट्रैक नहीं कर सकते हैं और ना ही कोई प्लानिंग कर सकते हैं क्योंकि आपको पता ही नहीं होता है कि पीरियड कब आएंगे। ऐसे में आपके बहुत सारे स्पेशल मोमेंट्स भी खराब हो सकते हैं। चलिए आज जानते हैं कि इसके क्या कारण हो सकते हैं

Advertisment

एक महिला के पीरियड तब अनियमित होते हैं जब महिला के पीरियड्स के बीच का अंतर 21 दिनों से कम या 35 दिनों से ज़्यादा है। अनियमित पीरियड्स किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।

पीरियड्स कभी जल्दी कभी देर से आते हैं? जानिए क्यों हो रहा ऐसा

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)

पीरियड्स अनियमित हो जाने का एक आम कारण PCOS है। इसमें ओवरीज में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं और हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। इस कंडीशन में एण्ड्रोजन हार्मोन की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ जाती है। इससे ओवुलेशन ठीक से नहीं हो पाता। जब ओवुलेशन नहीं होता, तो पीरियड्स का नियमित साइकिल खराब हो जाता है जिसके कारण कभी पीरियड्स बहुत देर से आते हैं, कभी बिल्कुल नहीं आते या फिर अनियमित तरीके से आते हैं। 

हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)

हॉर्मोनल इंबैलेंस भी पीरियड्स के अनियमित होने की बड़ी वजह है। इसमें आपके हारमोंस बहुत कम मात्रा में या फिर बहुत बड़ी मात्रा में प्रोड्यूस होते हैं। कई बार हॉर्मोनल असंतुलन बहुत कम समय के लिए होता है लेकिन कई बार यह लंबे समय के लिए भी होता है। पीरियड्स को कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन अगर सही मात्रा में न बनें या उनका संतुलन बिगड़ जाए, तो पीरियड्स साइकिल प्रभावित होता है। हॉर्मोनल इंबैलेंस स्ट्रेस, थायरॉइड प्रॉब्लम्स, या गलत खाने-पीने की वजह से भी हो सकता है।

तनाव (Stress)

Advertisment

आजकल स्ट्रेस हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है, और ये पीरियड्स को बहुत प्रभावित करता है। जब आप तनाव में होती हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ जाता है। ये हॉर्मोन दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो पीरियड्स को रेगुलेट करने वाले हॉर्मोन को कंट्रोल करता है। इसके नतीजे में ओवुलेशन में देरी या रुकावट होती है। इसके कारण पीरियड्स कभी जल्दी तो कभी देर से आते हैं। स्ट्रेस का असर नींद और खाने-पीने पर भी पड़ता है जो इसे और खराब कर देता है। 

इंटेंस वर्कआउट (Heavy Exercise)

जब महिलाएं बहुत ज्यादा हैवी वर्कआउट करती हैं जैसे मैराथन ट्रेनिंग, वेटलिफ्टिंग या इंटेंस जिम रूटीन तो शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे एनर्जी का बैलेंस बिगड़ जाता है और शरीर रीप्रोडक्शन से ज्यादा सर्वाइवल पर ध्यान देने लगता है। हैवी एक्सरसाइज से कॉर्टिसोल बढ़ सकता है जिसके चलते पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।

मेनोपॉज (Menopause)

मेनोपॉज वह समय है जब पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाते हैं, लेकिन उससे पहले का समय जिसे पेरीमेनोपॉज कहा जाता है अनियमित पीरियड्स का कारण बनता है। आमतौर पर 40-50 की उम्र में, ओवरीज धीरे-धीरे कम हॉर्मोन बनाती हैं। इस स्थिति में मुख्य फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन की मात्रा आपकी बॉडी में कम या ज्यादा होती रहती है जिसके कारण ओवुलेशन अनियमित हो जाता है और पीरियड्स कभी जल्दी, कभी देर से, या कभी बहुत हल्के-भारी होकर आते हैं। ये बदलाव कुछ महीनों से लेकर सालों तक चल सकते हैं जब तक पीरियड्स पूरी तरह बंद नहीं हो जाते।

क्यों होती है परेशानी?

Advertisment

अगर पीरियड्स 21 दिन से कम या 35 दिन से ज्यादा के अंतर पर आते हैं, तो वे अनियमित माने जाते हैं। इस तरह शारीरिक रूप से परेशानी तो होती ही है बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है। आप प्लानिंग नहीं कर पातीं चाहे वो ट्रैवल हो शादी जैसे स्पेशल मोमेंट्स हों या रोजमर्रा की जिंदगी क्योंकि आपको पता ही नहीं होता कि पीरियड्स कब आएंगे। ये हर महिला के लिए एक चुनौती है जो हर महीने इस इररेगुलर साइकिल से गुजरती है।

Irregular periods in Hindi irregular periods ka ilaj irregular periods irregular periods Tips For Irregular Periods