Mental Health Care: मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन और योग की भूमिका

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। चाहे वह कामकाजी लोग हों, विद्यार्थी, या गृहिणी हो। आइए जानते हैं कि मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन और योग कि क्या भूमिका हैं।

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Udisha Mandal
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Role Of Meditation And Yoga For Mental Health

Photograph: (freepik)

Role Of Meditation And Yoga For Mental Health: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। चाहे वह कामकाजी लोग हों, विद्यार्थी, या गृहिणी हो। हर कोई किसी न किसी मानसिक दबाव का सामना कर रहा है। ऐसे में इन सभी से बचने के लिए आप मेडिटेशन और योग कर सकते हैं, ये दवाइयों और थेरेपी के अलावा एक ऐसा माध्यम है जो मानसिक संतुलन और आत्मशांति प्रदान करने में मदद करता है। ऐसा कहा जाता है कि सदियों पुरानी भारतीय परंपरा में मेडिटेशन और योग को न सिर्फ शारीरिक सेहत बल्कि मानसिक शांति का भी एक अचूक उपाय है। यह आपके मन, मस्तिष्क और आत्मा के बीच संतुलन बनाने में सहायक होता है। आइए जानते हैं कि मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन और योग कि क्या भूमिका हैं।

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मेंटल हेल्थ के लिए मेडिटेशन और योग की भूमिका

1. मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है

योग और ध्यान यानी मेडिटेशन ये दोनों ही तनाव को दूर करने में कारगर साबित होते हैं। जब हम नियमित रूप से ध्यान करते हैं, तो हमारे दिमाग की सक्रियता एकाग्र होती है और चिंताओं से कुछ देर के लिए मुक्ति मिल जाती है। प्राणायाम और योगासनों के माध्यम से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मानसिक स्थिति बेहतर होने लगती है। आप रोजाना अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, और शवासन जैसे आसन का अभ्यास कर सकते हैं ये तनाव को कम करने में बहुत असरदार हैं।

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2. फोकस और एकाग्रता को बढ़ाता है

आज के समय में ध्यान की कमी एक बड़ी समस्या बन चुकी है। खासकर विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों को इसका प्रभाव ज्यादा झेलना पड़ता है। मेडिटेशन रोज़ाना करने से मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है और आप धीरे-धीरे वर्तमान में जीना सीखते हैं। यह आपके मन को भटकने से रोकता है और निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूत करता है।

3. डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी को कम करने में मदद करता है

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कई बार यह साबित हो चुका है कि मेडिटेशन करने से डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। ध्यान के समय मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे सकारात्मक हार्मोन्स का स्राव होता है, जिससे व्यक्ति को शांति और खुशी का अनुभव होता है। अगर आप नियमित योग का अभ्यास करते हैं तो इससे भी आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता आती है।

4. आत्म-जागरूकता और आत्म-स्वीकृति को बढ़ाता है

ध्यान और योग का अभ्यास हमें अपने भीतर झांकने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें अपनी सोच, व्यवहार और भावनाओं को समझने में मदद करता है। जब हम खुद को बेहतर समझने लगते हैं, तो हमारी आत्म-स्वीकृति बढ़ती है और इससे हमारे आत्म-सम्मान में सुधार होता है, जिससे मानसिक मजबूती आती है।

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5. नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है

अच्छी नींद मानसिक स्वास्थ्य की एक अहम कुंजी है। तनाव, चिंता या थकान की वजह से कई लोग अनिद्रा (Insomnia) से पीड़ित रहते हैं। नियमित योगासन और ध्यान आपके मस्तिष्क को शांत करने में मदद करते हैं, जिससे नींद गहरी और संतुलित होती है। इससे आपके अंदर दिनभर की ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक थकावट भी कम होती है।

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