Understanding Recurrent Miscarriages: गर्भधारण महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण पल होता है। पर अक्सर यह देखने को मिलता है की कई महिलाओं को मिसकैरेज या गर्भपात का सामना करना पड़ता है इसके पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं। यह स्थिति महिला और उसके परिवार के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और दर्दनाक हो सकती है। गर्भपात इस बात का संकेत है कि गर्भधारण को सफलतापूर्वक पूरा करने में कोई गंभीर समस्या है। तो आइए जानते है क्या है बार–बार मिसकैरेज होने के कारण ?
बार–बार मिसकैरेज होने के 5 कारण
1. आनुवांशिक कारण
कुछ मामलों में, माता-पिता के Chromosomes में असामान्यताएं हो सकती हैं जो भ्रूण के विकास में रुकावट डालती हैं। ज्यादातर मामलों में, माता-पिता के जीन में बदलाव या गुणसूत्रीय असमानताएं मिसकैरेज का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर, ऐसे मामलों में फीटस अपनी प्रारंभिक अवस्था में ही विकास करना बंद कर देता है।
2. शारीरिक कारण
गर्भाशय की संरचनात्मक असमानताओं के कारण सेप्टेट यूटरस जो की गर्भाशय के बीच में एक दीवार होती है, जो फीटस के विकास में बाधा डाल सकती है। गर्भाशय ग्रीवा कमजोर होने की स्थिति में, यह समय से पहले ओपन सकता है और miscarriage का कारण बन सकता है। यूटरिन फाइब्रॉयड्स गर्भाशय की दीवार में बनने वाले मांसपेशियों के ट्यूमर है। ये फिटस के विकास में रुकावट पैदा कर सकते हैं।
3. हार्मोनल कारण
हार्मोन के असंतुलन होने के कारण महिलाओं में बहुत सारी परेशानियां देखने को मिलती हैं। इस असंतुलन के कारण प्रेग्नेंट महिला भी प्रभावित होती है। PCOS हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जिसमें अंडाशय में कई छोटी-छोटी सिस्ट्स बन जाती हैं। इससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। प्रोजेस्टेरोन की कमी से गर्भाशय में पर्याप्त विकास नहीं हो पाता, जिससे गर्भपात हो सकता है।
4. इम्यूनोलॉजिकल कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में बहुत सारे विकार उत्पन्न हो सकते हैं जैसे की एंटिफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम यह एक विकार है जिसमें शरीर फिटस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। इससे खून के थक्के बनने लगते हैं, जो फिटस के रक्त प्रवाह को रोकते हैं और गर्भपात का कारण बन सकते हैं। थायरॉयड हार्मोन का असंतुलन गर्भधारण की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और miscarriage की संभावना बड़ सकती है।
5. जीवनशैली
हम अपने जीवन शैली में बहुत सारे बातें शामिल करते हैं जो महिलाओं के प्रजनन क्षमता को कम करने का काम करता है। शराब के कारण फिटस पर बुरा असर पड़ता है जिसके कारण गर्भपात की समस्या हो सकती है। उच्च मात्रा में कैफीन लेने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। स्मोकिंग भी महिलाओं के गर्भ में मौजूद फिटस के विकास में बाधा बनता है।