/hindi/media/media_files/OWAA509kE9ku5c4eJQ1f.png)
Photograph: (File Image )
हर महीने पीरियड्स के दौरान लगभग हर महिला को दर्द से गुजरना पड़ता है। कई बार यह दर्द इतना ज्यादा होता है कि रोज़मर्रा की ज़िंदगी भी प्रभावित हो सकती है। इस दर्द के साथ-साथ कई बार ब्लोटिंग, कब्ज़ और मूड स्विंग्स भी होते हैं, जो इसे और भी कठिन बना देते हैं। मेंस्ट्रूअल क्रैम्प्स को सही तरीके से मैनेज किया जा सकता है और इससे राहत भी पाई जा सकती है। लेकिन बहुत सारी महिलाएं पीरियड्स के दौरान अपने दर्द के बारे में बात नहीं करतीं और न ही इसे मैनेज करती हैं, जिसके कारण उन्हें और ज़्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
Menstrual Cramps: पीरियड्स के दौरान दर्द को मैनेज करने के उपाय
हीट थेरेपी
सबसे आसान और प्रभावी तरीका हीट थेरेपी है। आप हीटिंग पैड, हॉट वॉटर बॉटल या हीट पैच को अपने एब्डॉमेन और लोअर बैक पर लगा सकती हैं। इससे यूटराइन मसल्स रिलैक्स होते हैं और दर्द काफी कम हो जाता है। इसके अलावा आप गर्म पानी से नहा सकती हैं या गर्म तौलिए का इस्तेमाल कर सकती हैं।
दवाइयों का सहारा
पीरियड क्रैम्प्स यानी माहवारी का दर्द अक्सर बहुत परेशान करता है। ऐसे में कुछ दवाइयाँ जैसे इबुप्रोफेन और नेप्रोक्सेन मदद करती हैं। ये दवाइयाँ सूजन और मांसपेशियों की सिकुड़न कम करके दर्द से राहत देती हैं लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है, खासकर अगर पेट या किडनी की समस्या हो या कोई और दवाई चल रही हो। दवा हमेशा डॉक्टर या पैकेट पर लिखे निर्देशों के हिसाब से ही लें। सही दवा और आराम से पीरियड क्रैम्प्स का दर्द काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है।
एक्सरसाइज और एक्टिविटी
एक्सरसाइज भी पीरियड्स के दर्द में काफी मदद करती है। अक्सर लोग सोचते हैं कि दर्द के समय सिर्फ रेस्ट करना सही है, लेकिन हल्की फिजिकल एक्टिविटी भी राहत दे सकती है। एक्सरसाइज से एंडॉर्फ़िन्स रिलीज़ होते हैं, जो नैचुरल पेन-रिलीविंग केमिकल्स हैं। आप वॉकिंग, स्ट्रेचिंग और योग कर सकती हैं। इससे ब्लड फ्लो बेहतर होता है और दर्द कम होता है।
खानपान और हाइड्रेशन
खानपान का भी बहुत असर पड़ता है। अगर आप प्लांट-बेस्ड फूड जैसे हरी सब्ज़ियाँ, फल, अनाज, नट्स, फैटी फिश, अदरक और हल्दी का सेवन करती हैं, तो दर्द से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही शरीर को हाइड्रेट रखना, खूब पानी पीना और नमक व शक्कर कम करना ज़रूरी है। प्रोसेस्ड फूड से पूरी तरह बचना चाहिए क्योंकि ये ब्लोटिंग और असहजता बढ़ा सकते हैं।
रिलैक्सेशन टेक्निक्स
रिलैक्सेशन टेक्निक्स जैसे मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और हल्की मसाज भी दर्द को कम करने में मददगार हैं। कुछ महिलाएँ पीरियड्स के दौरान मास्टर्बेशन या ऑर्गैज़्म से भी राहत महसूस करती हैं, क्योंकि इससे एंडॉर्फ़िन्स रिलीज़ होते हैं और मसल्स रिलैक्स होते हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।