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Periods के दिनों में योग के क्या फायदे हैं

पीरियड्स के दिनों में योग करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। पीरियड्स के समय महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं और इस दौरान स्ट्रेस, मानसिक तनाव और शारीरिक दर्द की समस्याएं हो सकती हैं।

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Anusha Ghosh
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Periods: पीरियड्स के दिनों में योग करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। पीरियड्स के समय महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं और इस दौरान स्ट्रेस, मानसिक तनाव और शारीरिक दर्द की समस्याएं हो सकती हैं। योग के अभ्यास से महिलाओं का मन शांत होता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है और मानसिक समता बनी रहती है। योगासनों के प्रयोग से कमर और पेट के दर्द में भी राहत मिल सकती है। योग का अभ्यास करते समय ध्यान रखना चाहिए कि आसनों को धीरे-धीरे और सावधानी से किया जाए।

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जानिए पीरियड्स के दिनों में योग करने के ये 6 फायदे

1. स्ट्रेस कम करना

पीरियड्स के समय महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो मानसिक तनाव या स्ट्रेस का कारण बन सकते हैं। योगासनों और ध्यान के अभ्यास से महिलाओं का मन शांत होता है और स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। योग की विशेष तकनीकें और प्राणायाम मन को शांति देने में मदद करते हैं और विचारों को साफ करते हैं।

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2. दर्द कम करना

पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं कमर और  पेट में दर्द का सामना करती हैं। योगासनों के अभ्यास से मांसपेशियों में लचीलापन आता है और इससे पीरियड्स के दर्द में राहत मिलती है। इन आसनों से  शारीरिक दर्द को कम किया जा सकता है और महिलाएं अपनी दिनचर्या को बिना किसी अधिकता के जारी रख सकती हैं।

3. सेल्फ केयर बढ़ावा

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योग के अभ्यास से महिलाएं अपने शरीर और मन को समझती हैं। योग के अभ्यास से जागरूकता बढ़ती है और वे अपनी सेहत की देखभाल करने में सक्षम होती हैं। इससे वे अपनी सेहत के बारे में जागरूक होती हैं और स्वस्थ्य जीवनशैली के प्रति जागरूक होती हैं।

4. गैस और सूजन को कम करना

पीरियड्स के समय पेट में गैस और सूजन की समस्या हो सकती है। योगासनों के प्रयोग से इन समस्याओं में राहत पाई जा सकती है। विशेष तरह के प्राणायाम और आसन इन समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं और शारीरिक समस्याओं को कम करते हैं।

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5. अनुकूलता बढ़ाना

योग के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक लचीलापन बढ़ता है। योग के आसनों के प्रयोग से शारीरिक और मानसिक अनुकूलता में सुधार होता है और महिलाएं अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सक्षम होती हैं।

6. भावनात्मक सम्राट

योग के अभ्यास से महिलाएं अपने भावनात्मक स्तर को संतुलित रख सकती हैं। योग के अभ्यास से मन की शांति बनी रहती है और वे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम होती हैं। योग के आसन और प्राणायाम से वे अपनी भावनाओं को संतुलित कर सकती हैं।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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