Depression In Women: आजकल के दौर में डिप्रेशन होना भी एक आम बात होती है लेकिन महिलाएं यह बात मानने को ही तैयार नहीं है की वह डिप्रेशन में है। हमारे समाज में लगभग हर 10 में से 3 महिलाएं डिप्रेशन का शिकार होती हैं लेकिन वह इस बात को स्वीकार ही नहीं करती। महिलाओं में डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं। यह कारण फिजिकल, मेंटल, पीरियड या प्रेगनेंसी से रिलेटेड भी हो सकते हैं। कई बार तनाव के कारण या अधिक सोचने के कारण महिलाएं डिप्रेशन में चली जाती है।
हमारे दिमाग को संकेत पहुंचाने के लिए हमारे शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर मौजूद होते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर में सबसे महत्वपूर्ण सेरेटोनिन इसी की वजह से हमारे मूड के अनुसार चीज़े रेगुलेट होती है। इसकी कमी होने के कारण नींद नहीं आती जो आगे चलकर डिप्रेशन का रूप ले लेती है। आइए जानते हैं कुछ कारणों के बारे में जिनकी वजह से महिलाएं डिप्रेशन का शिकार होती हैं।
जाने महिलाओं में डिप्रेशन का क्या कारण है
1. जेनेटिक्स की वजह से
आप सोच रहे होंगे जेनेटिक्स की वजह से किसी को कैसे डिप्रेशन हो सकता है लेकिन यह सच है। केवल एक जीन की वजह से यह फैक्टर इंक्रीज नहीं होता। इसके लिए मल्टीपल जींस के फैक्टर्स होते हैं यदि फैमिली में किसी को भी डिप्रेशन की समस्या रही होगी तो यह आपके अंदर हो सकती है।
2. पर्सनैलिटी
आप किस स्वभाव के व्यक्ति हैं यह भी डिप्रेशन होना की एक बात है कहीं हद तक। जो महिलाएं खुद में रहती हैं या सोशल नहीं होती, चिड़चिड़ापन जिनमें होता है उन महिलाओं में डिप्रेशन होने की आशंका अधिक होती है। महिलाएं यदि घर ही घर में सारा समय बिताती हैं तो यह कारण हो सकता है उनके डिप्रेशन में आने का।
3. शारीरिक बीमारी की वजह से
स्कूल ना जाने के लिए आप बीमारी का बहाना बनाते थे वहां तक सब कुछ ठीक है लेकिन डिप्रेशन में आने के लिए शारीरिक बीमारी भी एक बड़ा फैक्टर हो सकता है। अधिक समय तक बीमार रहने से हमारी बॉडी के अंदर ऐसे हार्मोन बनना शुरू हो जाते हैं जो डिप्रेशन का कारण बनते हैं।
4. स्ट्रेस की वजह से
स्ट्रेस का कारण प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग साबित हो सकता है। स्ट्रेस वह सिचुएशन होती है जब आपके साथ कुछ भी सही नहीं होता। मां-बाप का तलाक, फाइनेंशियल्स अनस्टेबल, अपमान जनक बातें आदि जैसी सिचुएशंस की वजह से डिप्रेशन होने की संभावना महिलाओं में अधिक होती है।
5. उम्र की वजह से
बुढ़ापे में उम्र के साथ साथ दिमाग को मिलने वाले संकेत प्रॉपर तरह से नहीं मिल पाते। न्यूरोट्रांसमीटर के रास्ते धीमे होने लगते है। जिस वजह से मूड्स चेंज होते रहते है। यह अक्सर बुढ़ापे में बॉडी वीक होने की वजह से होता है। जो डिप्रेशन का कारण बनता है।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।