What Is The Reasons For Pain In Nipple? महिलाओं को अपने शरीर पर ध्यान देने की जरूरत होती है। खासतौर पर अपने स्तन पर, क्योंकि स्तन स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं उनमें दिखती हैं, इसलिए उन्हें अपने स्तन स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए। प्यूबर्टी से मेनोपॉज के दौर तक महिलाओं के स्तन में कई तरह के बदलाव आते हैं। जिस कारण उन्हें इससे जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसी ही एक समस्या है- निप्पल में दर्द का होना। यह कई बार सामान्य होते हैं, लेकिन जब नियमित रूप से निप्पल में दर्द बना रहें, तो यह कई समस्या का कारण हो सकता हैं।
इन कारणों से होता हैं निप्पल में दर्द
1. हार्मोनल बदलाव
कई बार निप्पल में दर्द के पीछे हार्मोनल बदलाव भी जिम्मेदार होते हैं। महिलाएं जब अलग-अलग पड़ाव में प्रवेश करती हैं, तो हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। खासतौर पर पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज में यह दर्द का कारण बनता है।
2. संक्रमण के कारण
हाइजीन न बरतने के कारण महिलाएं फंगल संक्रमण या मास्टाइटिस जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं। इसके पीछे गंदी ब्रा जिम्मेदार होते हैं। जिससे ब्रेस्ट के आसपास की स्किन पर बैक्टीरिया का प्रसार बढ़ने लगता है, जो निप्पल में दर्द का कारण बनता है।
3. ब्रेस्ट कैंसर
आजकल कई कारणों से महिलाएं ज्यादा मात्रा में ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हो रही हैं। जिस कारण निप्पल में दर्द शुरू होता है। यदि आपको भी अपने निप्पल में ज्यादा दर्द का अनुभव हो रहा है और कुछ अन्य लक्षण भी महसूस हो रहे हैं, तो ऐसे में किसी चिकित्सक विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें।
4. फ्रिक्शन के वजह से
कई बार गलत यानि खुरदरे और फैब्रिक कपड़े को पहनने से या एक्सरसाइज करते वक्त भी अधिक फ्रिक्शन के कारण निप्पल में दर्द महसूस हो सकता है। यह निप्पल और कपड़े के बीच घर्षण पैदा करता है, जो दर्द का कारण बनता है।
5. गलत ब्रा पहनने से
गलत ब्रा पहनने से आपकी निप्पल ब्रा से रगड़ सकती है। जिससे त्वचा में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं। ऐसे में आप हमेशा अपने साइज के अनुसार ही ब्रा को पहनें, जो आपको फ्रिक्शन से बचा सकता है।
दर्द से बचने के लिए क्या करें?
- महिलाएं अपनी हाइजीन का जरूर ध्यान रखें, खासतौर पर ब्रेस्टफीडिंग करने वाली महिलाएं।
- हार्मोंस को बैलेंस करने की प्रयास करें। इसके लिए आप डॉक्टर या डाइटिशियन की मदद ले सकती हैं।
- अपनी स्तन के आकार के मुताबिक ब्रा साइज का चुनाव करें। साथ ही कपड़े की क्वालिटी का भी ध्यान रखें। जिससे फ्रिक्शन से बचा जा सकता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।