What You Can Do to Prevent STDs: सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के बारे में बहुत सारे लोगों को जानकारी ही नहीं होती है। यह एक ऐसी समस्या है जिसे गुप्त रोग भी कहा जाता है। इसे सब लोग छुपाने की कोशिश करते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को यह समस्या है तो कभी भी वो इसके बारे में खुलकर जिक्र नहीं करेगा भारत में एसटीडी को लेकर भी बहुत बड़ा स्टिग्मा है। इसका एक कारण यह भी है कि हमें सेफ सेक्स करना आता ही नहीं है क्योंकि हम सेक्स के बारे में जानकारी लेते ही नहीं है। सबसे बड़ा STD होने का कारण सेक्स एजुकेशन की कमी भी है। आईए जानते हैं कैसे एसटीडी से बचाव कर सकते हैं ताकि आपको बाद में पछताना न पड़े-
बाद में पछतावे से अच्छा है कि आप सेफ सेक्स करें
सबसे पहले आपको यह जानना होगा की बहुत सारी STDs ऐसी हैं जिनके लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं। इसलिए यह बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आपको पहले से ही एसटीडी से बचाव करना जरूरी है. दूसरा इससे आपको बहुत सारी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं जैसे अगर आप इसका इलाज नहीं करवाते नहीं हैं तो इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही आपको कैंसर हो सकता है और आप पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज का शिकार हो सकते हैं। इसलिए पहले से ही सेफ सेक्स को प्रेक्टिस करें। चलिए जानते हैं कि कैसे आप एसटीडी से बच सकते हैं-
प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी (Always Use Protections)
सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। एसटीडी से बचने के लिए सेफ सेक्स करना बहुत जरूरी है जिसके लिए आप कंडोम, इंटरनल कंडोम या फिर डेंटल डैम का इस्तेमाल करें। आप चाहे तो ओरल, वजाइनल या फिर एनल सेक्स करें लेकिन प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना मत भूले। ओरल सेक्स के दौरान आप डेंटल डैम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही और एनल और वजाइनल सेक्स के लिए कंडोम का इस्तेमाल बढ़िया रहता है।
रेगुलर टेस्टिंग (Regular Testing)
एसटीडी से बचने के लिए रेगुलर टेस्टिंग करवाना बहुत जरूरी है क्योंकि बहुत सारे STDs ऐसी हैं जिसके लक्षण शुरुआत में दिखाई ही नहीं देते हैं। अगर आप पता लगाना चाहते हैं कि आप एसटीडी से ग्रस्त है या नहीं तो सबसे बढ़िया तरीका है कि आपको टेस्टिंग करवाना शुरू करें। अगर आपको थोड़ा भी लगता है कि आपको एसटीडी है या कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि अगर आप STD की टेस्टिंग नहीं करवाते हैं तो आपको भयानक बीमारियां हो सकती हैं। सही समय पर एसटीडी का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। इसलिए आपको डरना नहीं चाहिए और इसका मुकाबला करना चाहिए।
वैक्सीनेशन (Vaccination)
वैक्सीनेशन से भी आप सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन से बच सकते हैं। हर पुरुष और महिला को एचपीवी वैक्सीनेशन 11 और 12 साल की उम्र में लगवा लेनी चाहिए। अगर आपने पहले टीकाकरण नहीं करवाया है तो आप एचपीवी वैक्सीनेशन 26 साल की उम्र तक लगवा सकते हैं। एचपीवी के अलावा आप हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी की वैक्सीनेशन भी लगवा सकते हैं।
पार्टनर के साथ बातचीत (Open Community About Safe Sex)
सेफ सेक्स करने के लिए पार्टनर के साथ बातचीत करना बहुत जरूरी है। ऐसे में आपका ओपन माइंड होना चाहिए ताकि आप पार्टनर के साथ खुलकर हर चीज के ऊपर बात कर सके। आप दोनों एक दूसरे के साथ कंफर्टेबल होने चाहिए और आपके बीच कोई भी झिझक नहीं होनी चाहिए जिसके कारण आपकी बातचीत में कोई भी बैरियर नहीं आएगा. सेक्स की शुरुआत करने से पहले इन बातों का क्लियर होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही आप दोनों इस बात को भी निश्चित करें कि आप प्रोटेक्शन इस्तेमाल कर रहे हैं। आप पार्टनर से एसटीडी से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं जैसे अपने आखिर कब टेस्ट करवाया था? आपको कोई एसटीडी तो नहीं है? आपके एक से ज्यादा पार्टनर तो नहीं है? और क्या आप सेक्स करते समय डेंटल डैम या फिर कंडोम का इस्तेमाल करते हैं?
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