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Periods Talk: इन कारणों से आते हैं महीने में दो बार पीरियड

हैल्थ: कभी-कभी दो बार महीने में पीरियड्स का आना सामान्य भी माना जाता है, लेकिन यह समस्या यदि आपको हर महीने देखने को मिल रही है, तो ऐसी स्थिति में इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

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Ruma Singh
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( Credit Image: File Image)

Why Are The Reason For Periods Coming Twice In A Month? पीरियड्स महिलाओं में होने वाली एक बायोलॉजिकल प्रोसेस है। जिससे हर महीने महिलाओं को गुजरना पड़ता है, लेकिन आजकल ज्यादातर महिलाएं इरेगुलर पीरियड साइकल से परेशान है। जिसमें समय पर पीरियड्स का ना आना और महीने में दो बार पीरियड्स का आना समेत गई समस्याएं शामिल होती हैं। हालांकि, कभी-कभी दो बार महीने में पीरियड्स का आना सामान्य भी माना जाता है, लेकिन यह समस्या यदि आपको हर महीने देखने को मिल रही है, तो ऐसी स्थिति में इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

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इन कारणों से आते हैं महीने में दो बार पीरियड

1. हार्मोनल इंबैलेंस 

महिलाओं में अक्सर हार्मोनल इंबैलेंस देखने को मिलते हैं। इससे कई बार महिलाओं को महीने में दो बार पीरियड्स की समस्या से गुजरना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन इंबैलेंस हो जाते हैं। जो मेंस्ट्रुएशन साइकल को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिसमें महीने में एक से ज्यादा बार पीरियड्स का आना भी शामिल होता है।

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2. पीसीओएस

पीसीओएस महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल विकार है, जिससे ज्यादातर महिलाएं पीड़ित रहती हैं। इसके कारण महीने में दो बार पीरियड्स की समस्या से भी गुजरना पड़ता है, क्योंकि पीसीओएस में हार्मोनल असंतुलन से ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बनने शुरू हो जाते हैं। जो मासिक धर्म साइकल को हस्तक्षेप करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

3. थायरॉइड 

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महिलाओं में होने वाली मुख्य बीमारी में से एक थायरॉइड भी है। जिसमें हाइपरथाइरॉयडिज़्म से गुजरना पड़ता है, जो पीरियड साइकल को बाधित कर देते हैं, क्योंकि थायरॉइड ग्रंथि हार्मोन उत्पादन को संतुलित कर देती है। जिससे मासिक धर्म की आवृत्ति और तीव्रता में बदलाव देखने को मिलता है, जो महीने में दो बार पीरियड्स आने का भी कारण बनती है।

4. तनाव 

पीरियड साइकल को बाधित करने में तनाव भी मुख्य भूमिका निभाते हैं, क्योंकि तनाव के उच्च स्तर से एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिससे इरेगुलर पीरियड साइकल पैटर्न से सामना करना पड़ सकता है, इसलिए रोजाना मेडिटेशन, माइंडफूलनेस व एक्सरसाइज करें। जिसकी मदद से हार्मोन भी संतुलित रहता है, साथ ही पीरियड साइकल भी रेगुलर बना रहता है।

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5. बर्थ कंट्रोल पिल्स 

महिलाएं अनचाहे प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कभी-कभी बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन कर लेती है, जो आपके हार्मोन को असंतुलित कर देते हैं। जिससे आपको असामान्य ब्लीडिंग की समस्या से गुजरना पड़ता है, इसलिए यदि आप इसे लेना चाहती हैं, तो सही समय पर लें, ताकि पीरियड साइकल में कोई परिवर्तन ना आ पाएं।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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