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Photograph: (healthshots)
Why Do We Crave Strange Foods During Pregnancy: प्रेग्नेंसी एक ऐसा वक्त होता है जब शरीर और दिमाग में बहुत से बदलाव होते हैं। इस दौरान महिलाओं को कई बार अजीब-अजीब चीज़ें खाने का मन करता है जैसे अचानक आइसक्रीम के साथ अचार खाना, या कभी रात को चॉकलेट की तलब लगना। कई बार ऐसा भी होता है कि जो चीज़ें पहले पसंद नहीं थीं, अब वही खाने का मन करता है।
हर घर में आपने सुना होगा अरे प्रेग्नेंट है ना इसलिए उसे अजीब तलब हो रही है लेकिन क्या ये सिर्फ एक मज़ाक है या इसके पीछे कोई असली वजह भी होती है? असल में गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव पोषण की ज़रूरतें और इमोशनल उतार-चढ़ाव बहुत ज़्यादा होते हैं। यही वजह है कि खाने-पीने की पसंद अचानक बदलने लगती है। कई बार शरीर खुद ही इशारा देता है कि उसे किस चीज़ की ज़रूरत है लेकिन हम उसे अजीब तलब कह देते हैं।
प्रेग्नेंसी में अजीब खानों की तलब क्यों लगती है?
प्रेग्नेंसी का समय किसी भी महिला के जीवन का सबसे अलग और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर ही नहीं सोच और भावना दोनों में बड़ा बदलाव आता है। हर घर में जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो सबसे पहले ध्यान उसके खाने-पीने पर जाता है। और अक्सर देखने को मिलता है कि उसे अचानक कुछ अजीब या अलग खाने की ज़िद होने लगती है। कोई कहता है मुझे अब सिर्फ खट्टा खाना है, तो कोई रात में मीठे की तलब से परेशान रहता है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि जिसे पहले पसंद नहीं था, वही अब सबसे ज़्यादा चाहिए।
अब सवाल उठता है – ऐसा क्यों होता है?
इसका सबसे सामान्य कारण है शरीर में हार्मोन का बदलना। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन बहुत एक्टिव हो जाते हैं। इनका सीधा असर उसकी भूख, स्वाद और मूड पर पड़ता है। इसी वजह से खाने की पसंद अचानक बदल जाती है। साथ ही शरीर को अब दो लोगों के लिए पोषण चाहिए होता है मां और बच्चे के लिए। तो शरीर खुद संकेत देता है कि उसे किस चीज़ की ज़रूरत है।
दूसरा कारण मानसिक और भावनात्मक बदलाव भी है। प्रेग्नेंसी में मूड स्विंग्स बहुत आम हैं। कभी मन उदास हो जाता है, कभी चिड़चिड़ा महसूस होता है। ऐसे में कुछ खास चीज़ें खाने से मन को आराम मिलता है। ये क्रेविंग सिर्फ स्वाद की नहीं होतीं, बल्कि एक तरह की मानसिक राहत भी देती हैं।
हर घर में ऐसा वक्त आता है जब परिवार को इन बदलावों का सामना करना पड़ता है। शुरुआत में सबको समझ नहीं आता कि हर दिन कुछ नया क्यों चाहिए। पर धीरे-धीरे जब परिवार समझता है कि ये शरीर की ज़रूरत है, तो हालात आसान हो जाते हैं।
ऐसी तलब कोई बीमारी नहीं है, ये एक सामान्य प्रक्रिया है। हां अगर क्रेविंग बहुत ज़्यादा बढ़ जाएं या शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ों की तलब हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।