Why Is Physical Activity Important for Kids? : डिजिटल एज के समय में बच्चों की शारीरिक गतिविधियां बिल्कुल कम हो गई हैं जो कि एक चिंता का विषय है।
बच्चों के लिए शारीरिक गतिविधी क्यों जरुरी?
बच्चे इंटरटेनमेंट के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं जहाँ पर वो सोशल मीडिया देखते और ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं। इससे उनके शारीरिक विकास में भी कमी आ रही है। इसके साथ बच्चे अपना कीमती समय इस पर ही व्यतीत कर देते हैं। आज आप अपने पास छोटे बच्चों को बीमारियों से ग्रस्त देखते हैं इसका कारण भी कम शारीरिक गतिविधियां है। आज हम जानेंगे कि क्यों खेल कूद बच्चे के लिए जरूरी है?
मानसिक बीमारियों से दूर
जब बच्चा सारा दिन स्क्रीन के साथ समय बीतता है और किसी के साथ बात नहीं करता ज्यादातर अपने कमरे में ही रहता है तब बच्चे को डिप्रैशन, एंजायटी और तनाव जैसी समस्याएं आती हैं। इससे उल्ट जब बच्चा शारीरिक गतिविधियों में शामिल होगा उसके अंदर आत्मविश्वास आएगा और शारीरिक और मानसिक विकास दोनों होंगे। बच्चा दूसरे बच्चों के मिलेगा। उसकी विलपावर स्ट्रॉन्ग होंगी।
ध्यान बढ़ेगा
शारीरिक गतिविधियों से बच्चे बौद्धिक विकास भी होता है। इससे कंसंट्रेशन या ध्यान लगाने की पावर बढ़ती है जिससे बच्चा एकेडमिक लेवल पर बहुत अच्छा परफॉर्म करता है। इससे उसकी याददाश्त में भी सुधार आता है। उसका ध्यान काम में ज्यादा लगता है।
वजन काबू में रहता है
जब बच्चे शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते हैं तब उनके शरीर में फैट नहीं बढ़ती है जिससे वजन संतुलित रहता है। आजकल बच्चों में मोटापा एक बहुत आम हो गया है इसका मुख्य कारण यही है कि बच्चे शारीरिक गतिविधियां जैसे कोई खेलकूद, एक्सरसाइज में शामिल नहीं होते। इसलिए दिन में कुछ समय फिजिकल एक्टिविटीज को जरूर दें। इसमें बच्चे ट्रेडिशनल गेम्स भी खेल सकते हैं।
मासपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं
जब बच्चे किसी भी खेल खुद का हिस्सा बनते हैं तब उनकी बॉडी में फेलिक्सिबिलिटी आती है। इसके साथ मासपेशियां और हड्डियां मजबूत होती है। जिसके परिणामस्वरूप बोन डेंसिटी भी अच्छी होती है, बच्चे में एनर्जी लेवल भी बढ़ता है और पोस्चर में भी सुधार आता है।
नींद अच्छी आती है
जब हम शारीरिक काम करते हैं तब हमारा शरीर रिलैक्स होने के लिए नींद और आराम मांगता है जिससे नींद पूरी हो जाती है। नींद पूरी होने से बच्चे का मूड भी इम्प्रूव होता है और एनर्जी भी आती है। इससे काम में भी उसका मन लगता है।
पेरेंट्स इस बात का खास ध्यान दे कि बच्चे नियमित तौर पर शारीरिक गतविधियों में हिस्सा लें। उनके लिए एक टाइम टेबल बनाएं जिन्हें उनके द्वारा अच्छे से फॉलो किया जाएं। इसमें सभी एक्टिविटीज शामिल हो क्योंकि सभी काम बच्चे की ओवरआल ग्रोथ को बढ़ावा देंगे।