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भारतीय महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। सिरदर्द, थकान या शरीर में किसी भी तरह की तकलीफ़ को वे आम दवाइयों से ठीक करने की कोशिश करती हैं। लेकिन यह सही इलाज नहीं है। कई बार बीमारी इतनी बढ़ जाती है कि उसका इलाज संभव भी नहीं रह जाता। अगर समय-समय पर रेगुलर चेकअप करवाया जाए तो ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, डायबिटीज, दिल की बीमारियां, थायरॉइड और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को पहले ही पहचान लिया जा सकता है। इससे ओवरऑल हेल्थ और वेल-बीइंग बेहतर रहती है।
महिलाओं के लिए Regular Health Checkup क्यों ज़रूरी है?
अर्ली डिटेक्शन के लिए
रेगुलर चेकअप करवाना इसलिए ज़रूरी है ताकि बीमारी का समय रहते पता चल सके और सही समय पर इलाज मिल सके। आजकल महिलाओं में कैंसर, हार्मोनल इंबैलेंस और क्रॉनिक डिजीज जैसी कई बीमारियां देखी जाती हैं। इनमें से कुछ बीमारियों के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते और बाद में तब नज़र आते हैं जब हालात हाथ से निकल जाते हैं। इसलिए समय रहते चेकअप करवाना बहुत ज़रूरी है।
रिप्रोडक्टिव हेल्थ
रिप्रोडक्टिव हेल्थ की जांच करवाना भी महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है। अगर आप रिप्रोडक्टिव एज से गुजर रही हैं तो गाइनेकोलॉजिकल चेकअप करवाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे आपको मेंस्ट्रुएशन, फर्टिलिटी, बर्थ कंट्रोल और मेनोपॉज़ से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी मिल सकती है। यह आपको समझने में मदद करता है कि किस उम्र में फैमिली प्लानिंग आपके लिए सही रहेगी, आपकी फर्टिलिटी के विकल्प क्या हैं, किस तरह के कॉन्ट्रासेप्शन आपके लिए ठीक रहेंगे और मेनोपॉज़ कब आ सकता है और उस समय आपको खुद का ध्यान किस तरह रखना है।
मेंटल हेल्थ
मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना भी महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है, लेकिन अक्सर इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। पीरियड्स और मूड स्विंग्स की वजह से महिलाएं मानसिक समस्याओं से गुजरती हैं। अगर आप डॉक्टर के पास जाएंगी तो आपको सही जानकारी मिलेगी और सही इलाज भी मिल पाएगा। बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में स्ट्रेस बढ़ जाता है और आजकल डिप्रेशन, एंज़ायटी और उदासी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। अधिकतर महिलाएं इसके बारे में किसी से बात भी नहीं करतीं, इसलिए मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के लिए साइकोलॉजिस्ट के पास जाना बहुत जरूरी है।
सेक्सुअल हेल्थ
सेक्सुअल हेल्थ का ध्यान रखना भी महिलाओं के लिए बहुत ज़रूरी है। अगर आपका पार्टनर कंडोम का इस्तेमाल नहीं कर रहा है तो आप फीमेल कंडोम का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस यानी STIs से बचाव होता है। रेगुलर स्क्रीनिंग से क्लैमाइडिया और गोनोरिया जैसे इंफेक्शंस का समय रहते पता चल सकता है और इनका इलाज हो सकता है। अगर इनका इलाज समय पर न हो तो ये गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए समय-समय पर चेकअप करवाना आपको सुरक्षित रखता है।
पेल्विक हेल्थ
पेल्विक हेल्थ के बारे में कम ही बात की जाती है, लेकिन यह महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है। रेगुलर चेकअप से फाइब्रॉयड, ओवेरियन सिस्ट और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं का समय रहते पता चल सकता है। पेल्विक एरिया में ब्लैडर, यूट्रस, वजाइना और रेक्टम शामिल होते हैं, जो न सिर्फ़ सेक्स लाइफ को हेल्दी बनाते हैं बल्कि ब्लैडर और वजाइना को सपोर्ट भी करते हैं। कई बार महिलाओं को खांसते या छींकते समय यूरिन लीक, सेक्स के दौरान दर्द या डिलीवरी और मेनोपॉज़ के बाद पेल्विक एरिया में वीकनेस जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए।