महिलाओं में Masturbation कैसे बढ़ा सकता है हैप्पी हार्मोन?

मास्टरबेशन महिलाओं के लिए न केवल एक सेक्सुअल प्लेजर का माध्यम है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी संपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। यह विभिन्न प्रकार के हैप्पी हार्मोन को एक्टिव करता है, जिससे मूड अच्छा रहता है।

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Priya Singh
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How Masturbation Can Increase Happy Hormones In Women? मास्टरबेशन एक सामान्य और प्राकृतिक क्रिया है, जिसे लोग पर्सनल प्लेजर प्राप्त करने के लिए करते हैं। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद होता है। वैसे तो समाज में इससे जुड़ी कई भ्रांतियां और मिथक हैं, विशेष रूप से महिलाओं के संदर्भ में। लेकिन महिलाओं में मास्टरबेशन न केवल सेक्सुअल प्लेजर प्रदान करता है बल्कि यह हैप्पी हार्मोन यानी डोपामिन, ऑक्सिटोसिन, सेरोटोनिन और एंडोर्फिन जैसे हार्मोनों की मात्रा को भी बढ़ा सकता है। ये हार्मोन मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, तनाव कम करते हैं और खुशहाल जीवन जीने में सहायक होते हैं।

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जानिए महिलाओं में कैसे मास्टरबेशन बढ़ा सकता है हैप्पी हार्मोन

मास्टरबेशन और डोपामिन का संबंध

डोपामिन को ‘फील-गुड’ हार्मोन भी कहा जाता है, जो हमारे मस्तिष्क में सुखद अनुभूतियों को जन्म देता है। जब महिलाएं मास्टरबेशन करती हैं, तो उनके शरीर में डोपामिन का लेवल बढ़ता है, जिससे वे अधिक प्रसन्न और एनर्जी महसूस करती हैं। यह हार्मोन मोटिवेशन की भावना को भी मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति को आत्म-संतुष्टि का अनुभव होता है। इसके अलावा, यह हार्मोन मूड को नियंत्रित करने और उदासी को कम करने में सहायक होता है।

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ऑक्सिटोसिन

मास्टरबेशन के दौरान ऑक्सिटोसिन हार्मोन का लेवल भी बढ़ता है, जिसे ‘लव हार्मोन’ कहा जाता है। यह हार्मोन आत्मीयता और संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब महिलाएं सेक्सुअल प्लेजर प्राप्त करती हैं, तो ऑक्सिटोसिन का रिलीज बढ़ता है, जिससे वे अधिक सुकून और प्रेम से भरी हुई महसूस करती हैं। यह हार्मोन चिंता और तनाव को कम करता है, जिससे महिलाओं को अधिक सकारात्मक और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।

सेरोटोनिन

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सेरोटोनिन एक प्रमुख न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मूड को स्थिर बनाए रखने में सहायक होता है। मास्टरबेशन के दौरान सेरोटोनिन का लेवल बढ़ने से महिलाओं को मानसिक शांति और तनाव से राहत मिलती है। यह हार्मोन डिप्रेसन के लक्षणों को कम करने में भी सहायक होता है। जब शरीर में सेरोटोनिन की मात्रा संतुलित होती है, तो व्यक्ति अधिक संतुष्ट और मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करता है।

एंडोर्फिन

एंडोर्फिन को शरीर का प्राकृतिक दर्द निवारक कहा जाता है, जो मास्टरबेशन के दौरान बड़ी मात्रा में रिलीज होता है। यह हार्मोन दर्द और थकान को कम करता है और शरीर को हल्का और तरोताजा महसूस कराता है। एंडोर्फिन का लेवल बढ़ने से महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से आराम मिलता है, जिससे वे अधिक एनर्जी महसूस करती हैं।

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आत्म-स्वीकृति और आत्मविश्वास में वृद्धि

मास्टरबेशन महिलाओं को अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझने और स्वीकार करने में मदद करता है। यह आत्म-स्वीकृति की भावना को बढ़ावा देता है, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जब कोई व्यक्ति स्वयं के साथ सहज होता है, तो उसका आत्म-सम्मान भी बेहतर होता है।

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