पहले के समय में हमारी दादी-नानी को अक्सर फुर्सत के पलों में स्वेटर बुनते, सिलाई करते या धागों से नए-नए डिज़ाइन तैयार करते हुए देखा जाता था। इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती थी और उनके जीवन में एक उद्देश्यपूर्ण संतुष्टि का भाव जाग्रत होता था।
इस लेख को साझा करें
यदि आपको यह लेख पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।वे आपको बाद में धन्यवाद देंगे