आज 21 वीं सदी में भी ये मानसिकता फैली हुई है कि घर का काम करना सिर्फ औरतों की जिम्मेदारी है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब महिलाएँ पुरुषों के बराबरी का काम कर सकती है तो पुरूषों घर के काम में भागदारी क्यों नहीं निभा सकते है।
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