आज के समय में भी जब समाज तरक्की की बात करता है, तब भी पीरियड्स यानी मासिक धर्म को लेकर बात कोई खुलकर बात करना नहीं चाहता इसे एक तरह की शर्म या संकोच से जोड़ा जाता है। आइए जानते हैं पीरियड्स से जुड़ी लोगों की मानसिकता को।
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