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अपने PMS को कैसे मैनेज करें?

टॉप-विडियोज़: पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के लक्षणों को मैनेज करने के लिए कई तरीके हैं। सबसे पहले, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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Trishala Singh
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How to manage your PMS: पीएमएस, या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, महिलाओं में मासिक धर्म से पहले के दिनों में होने वाले शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों को कहा जाता है। यह लेख पीएमएस के कारणों, लक्षणों और इसे मैनेज करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करेगा।

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अपने PMS को कैसे मैनेज करें?

आपका पीएमएस कब शुरू होता है?

पीएमएस आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दूसरे हिस्से में शुरू होता है, यानि ओव्यूलेशन के बाद। यह समय करीब 10 से 14 दिनों का होता है और मासिक धर्म के शुरू होने से एक सप्ताह पहले तक रहता है। 

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पीएमएस के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक प्रभाव क्या हैं?

पीएमएस के प्रभाव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। चिड़चिड़ापन, ध्यान में कमी, तनाव, अवसाद। पेट दर्द, सिरदर्द, पीठ दर्द, सूजन, थकान। मूड स्विंग्स, उदासी, चिंता, रोने का मन।

पीएमएस के गंभीर लक्षण क्या हैं?

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पीएमएस के गंभीर लक्षणों में शामिल हैं। गंभीर अवसाद या चिंता। अत्यधिक थकान। गंभीर सिरदर्द। नींद में खलल। सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में कठिनाइयाँ। यदि ये लक्षण अत्यधिक गंभीर हो जाएं तो इन्हें पीएमडीडी (प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर) कहा जाता है।

पीएमएस क्यों होता है?

पीएमएस का मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव होते हैं। ओव्यूलेशन के बाद एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बदलता है, जिससे मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन हो सकता है। इसके अलावा, जीवनशैली, आहार और तनाव भी पीएमएस को बढ़ा सकते हैं।

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पीएमएस को कैसे मैनेज करें?

पौष्टिक आहार लें, जिसमें ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल हों। नियमित व्यायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। योग, ध्यान और गहरी साँस लेने की तकनीकें अपनाएं। पर्याप्त पानी पीने से शरीर की सूजन कम होती है। विटामिन बी6, कैल्शियम और मैग्नीशियम के पूरक आहार लेने से लक्षणों में सुधार हो सकता है। गंभीर लक्षणों के लिए डॉक्टर की सलाह से दर्द निवारक या एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं ली जा सकती हैं।

बेहतर मासिक धर्म और प्रीमेंस्ट्रुअल स्वास्थ्य के लिए नींद कितनी महत्वपूर्ण है?

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नींद का आपके मासिक धर्म और पीएमएस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। पर्याप्त नींद लेने से तनाव कम होता है और हार्मोन संतुलित रहते हैं। नींद की कमी से पीएमएस के लक्षण और भी बढ़ सकते हैं, जैसे थकान, मूड स्विंग्स और अवसाद।

पीएमएस के लिए अपनी भावनात्मक स्वास्थ्य की निगरानी कैसे करें?

अपने लक्षणों और भावनाओं को लिखें, इससे आपको अपने मूड स्विंग्स और लक्षणों के पैटर्न को समझने में मदद मिलेगी। दोस्तों और परिवार के साथ अपनी भावनाओं को साझा करें। अगर आवश्यक हो, तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से बात करें। आत्म-संवेदनशीलता और आत्म-देखभाल पर ध्यान दें।

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गंभीर पीएमएस के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं?

यदि आपके पीएमएस के लक्षण अत्यधिक गंभीर हैं और आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। विशेष रूप से अगर आप पीएमडीडी के लक्षण महसूस कर रहे हैं, जैसे गंभीर अवसाद, अत्यधिक थकान, और गंभीर दर्द, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

पीएमएस को मैनेज करने के लिए जागरूकता और सही तरीके अपनाना महत्वपूर्ण है। सही आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और तनाव प्रबंधन से आप अपने लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यदि आवश्यक हो, तो चिकित्सा सहायता प्राप्त करें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

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