How To Manage PMS : PMS (पीएमएस) प्रीमेन्स्ट्रूअल सिंड्रोम एक आम समस्या है। यह महिलाओं के पीरियड्स से पहले होने वाला एक सामान्य शारीरिक और भावनात्मक स्वाभाविक परिवर्तन है। इसमें खासकर पेट में दर्द, चिंता, थकान, भ्रम, चिढ़ापन और मूड बदलने की समस्याएं होती हैं। इसके लिए व्यायाम, आहार और ध्यान देना चाहिए।
पीएमएस कब शुरू होता है
पीएमएस का मतलब होता है प्रीमेनस्ट्रुअल सिंड्रोम, जो कुछ महिलाओं में पीरियड्स (मासिक धर्म) के आने से पहले होता है। यह आम तौर पर एक सप्ताह से पहले शुरू होता है और पीरियड्स शुरू होने पर खत्म हो जाता है। इस समय महिलाओं को शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे वे थकावट, इरिटेबिलिटी, पेट के दर्द, ब्रेस्ट में दर्द, या मुड़ बदलाव का अनुभव कर सकती हैं।
पीएमएस के मेंटल, फिजिकल और इमोशनल इफेक्ट क्या हैं
पीएमएस के मेंटल, फिजिकल और इमोशनल इफेक्ट निम्नलिखित होते हैं:
1. मेंटल इफेक्ट
- चिंता और डिप्रेशन की भावना
- चिढ़चिढ़ापन और चिड़चिड़ापन
- नींद की कमी और नींद की असमान्य बढ़ती इच्छा
- मानसिक तनाव
2. फिजिकल इफेक्ट
- पेट दर्द और पेट की सूजन
- सिरदर्द और अच्छी तरह से सोने की इनेबिलिटी
- ममूली तकलीफ, खिंचाव और कमजोरी
- ब्रेस्ट में दर्द और सूजन
- खून की कमी और अनियमित पीरियड्स
3. इमोशनल इफेक्ट
- चिड़चिड़ापन और रोना
- बहुत रोने का इच्छुक होना
- खुद को डिसएप्वाइंट करना
- स्वतंत्रता की भावना में कमी
पीएमएस के गंभीर लक्षण क्या हैं
आइए जानें पीएमएस के 10 गंभीर लक्षण के बारे में:
- पेट में दर्द और तनाव (मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से में होता है
- सिरदर्द या चक्कर आना
- पैरों और हाथों की सूजन
- शरीर में दर्द या सूजन
- मूड स्विंग्स (खुशी से उदासी तक)
- नींद न आना या ज्यादा नींद आना
- खाने के प्रति अधिक लालच या कम भूख
- भूख न लगना
- शरीर का अचानक टेंपरेचर बदलना
- आत्मविश्वास की कमी और चिंता की अधिकता
पीएमएस क्यों होता है
यह महिलाओं में पीरियड्स के पहले दिनों के दौरान होने वाली समस्याएं होती हैं। इसकी वजह हार्मोन के परिवर्तन होते हैं जो यूट्रस के इंटरनल टिशु को इफेक्ट करती हैं। यह शारीर के विभिन्न पार्ट्स में ब्लड सरकुलेशन के कारण होता है।
पीएमएस को कैसे मैनेज कर सकते हैं
पीएमएस को मैनेज करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय को आजमा सकते हैं:
- सही आहार : स्वस्थ खाने का ध्यान रखें, खासकर प्रोटीन, फल और सब्जियों को शामिल करें।
- व्यायाम : योगा और प्राणायाम जैसे व्यायाम करने से शरीर में तनाव कम होता है।
- समय का पालन करें : अपने पीरियड्स के समय और दौरान आराम का पूरा ध्यान दें।
- ताजगी के साथ सूखी फल खाएं : सेब, अंगूर, नारियल और खजूर आदि पीरियड्स के दौरान काफी फायदेमंद होते हैं।
- पानी पीना : अधिक से अधिक पानी पिएं, जिससे शरीर में बैलेंस बना रहता है।