क्या आप भी जूझ रहीं PCOD या PCOS से तो जान लें इन बातों को

PCOD और PCOS दोनों स्थितियों में ओवरीज़ में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं। इन सिस्ट की वजह से शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और इसके कारण विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

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Sneha yadav
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SomeImportantFactsRelatedToPCODorPCOS: PCOD और PCOS महिलाओँ में होने वाली एक सबसे कॉमन समस्या बन चुकी है, जिससे हर 10 में से 2 महीला प्रभावित है। यह ऐसी स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, जिनका संबंध उनके Reproductive system से होता है। इन दोनों स्थितियों में ओवरीज़ में छोटी-छोटी सिस्ट बनने लगती हैं। इन सिस्ट की वजह से शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और इसके कारण विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे अनियमित पीरियड्स, त्वचा की समस्याएँ, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, और चेहरे या शरीर पर अधिक बाल उगना। इस समस्या को विस्तार से समझना जरूरी है, इसके लिए PCOD और PCOS में अंतर जन लेना चाहिए।

PCOD और PCOS में अंतर

1. Explain

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PCOD: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरीज़ में कई सिस्ट बन जाते हैं। यह ओवरीज़ के फंक्शन में रुकावट पैदा कर सकता है, लेकिन इसे आमतौर पर गंभीरता से नहीं लिया जाता है। 

PCOS:PCOS को एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या माना जाता है, क्योंकि इसमें हार्मोनल असंतुलन अधिक होता है, जो वजन बढ़ने, अनियमित पीरियड्स, इनफर्टिलिटी, और मेटाबॉलिक समस्याओं जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। 

2. Reason

PCOD: इसका कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत आहार , और फिजिकल एक्टिविटी की कमी  होता है।

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PCOS: इसके कारण अधिकतर हार्मोनल असंतुलन से जुड़े होते हैं, जिसमें एण्ड्रोजन नामक पुरुष हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है।

3. Symptoms

PCOD: आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं जैसे हल्का वजन बढ़ना, मुँहासे, और पीरियड्स में थोड़ी बहुत अनियमितता।

PCOS: इसमें लक्षण अधिक गंभीर होते हैं, जैसे अनियमित या बहुत कम पीरियड्स, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल, मुँहासे, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, और बांझपन का खतरा।

PCOD/ PCOS करता है प्रेगनेंसी को प्रभावित 

1. Ovulation

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PCOD में ओवरीज़ अधिक मात्रा में Egg उत्पन्न करती हैं, लेकिन वे पूरी तरह परिपक्व नहीं होते और सिस्ट में बदल जाते हैं। इससे अनियमित ओवुलेशन या ओवुलेशन की कमी हो जाती है। ओवुलेशन गर्भधारण के लिए आवश्यक है, इसकी अनुपस्थिति में गर्भधारण संभव नहीं हो पाता।

2. Hormonal Imbalance

PCOD में एण्ड्रोजन, जो कि मेल हार्मोन होता है, जिसका स्तर अधिक बढ़ जाता है। सामान्यतया, महिलाओं में एण्ड्रोजन का स्तर बहुत कम होता है, लेकिन PCOD के कारण इसका स्तर असामान्य रूप से बढ़ सकता है।इस हार्मोनल असंतुलन के कारण ओवरीज़ में egg का विकास और maturity ठीक से नहीं होती, जिससे ovulation की प्रक्रिया में रुकावट पैदा होती है।

3. Irregular Periods 

PCOD के कारण महिलाओं में पीरियड अनियमित हो जाता है। पीरियड्स साइकिल अनियमित होने से ओवुलेशन का समय भी अस्थिर हो जाता है। लेकिन PCOD से पीड़ित महिलाओं में Menstrual cycle 35 दिन से भी अधिक का हो सकता है या कभी-कभी menstruation आता ही नहीं है, जिससे गर्भधारण की संभावनाएँ कम हो जाती हैं।

4. Quality of Eggs

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PCOD के कारण ओवरीज़ में उत्पन्न egg unfertilised रह सकते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता में कमी आ जाती है। egg की गुणवत्ता में कमी के कारण स्पर्म के साथ Fertilization की प्रक्रिया सफलतापूर्वक नहीं हो पाती। कम गुणवत्ता वाले egg के कारण फर्टिलाइज़ेशन होने के बाद भी Embryo की गुणवत्ता पर असर पड़ता है, जिससे गर्भधारण में असफलता हो सकती है।

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