Vaginal Self Exam: सेल्फ ब्रेस्ट एग्जाम के बारे में सभी ने सुना है लेकिन वजाइनल सेल्फ एग्जाम क्या होता है? यह कैसे किया जाता है? इसे करते समय हमें कौन सी चीज अपने दिमाग में रखनी चाहिए? सबसे पहले आपको इस बात को जानना होगा कि वजाइनल सेल्फ एग्जाम भी सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन जितना ही महत्वपूर्ण होता है। इसके बारे में इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि अगर आपके वजाइना में कुछ ऐसे बदलाव हो रहे हैं जो आमतौर पर नहीं होते हैं तो आपको उनके बारे में पता रहे। यह गाइनेकोलॉजिस्ट की तरफ से किया जाने वाले पेल्विक एग्जाम जितना डीप नहीं होता है लेकिन इससे आप एसटीडी के लक्षण या फिर आपके वजाइना में क्या बदलाव हो रहे हैं और अन्य बीमारियों के बारे में पता लगा सकते हैं।
वजाइना को घर पर ऐसे करें एग्जामिन
आप अपने नीचे के कपड़े उतार कर बेड पर बैठ जाएं या फिर टॉवल और फ्लोर पर भी वॉल के सामने बैठ सकते हैं जिसमें आप पिलो को सपोर्ट में रख सकते हैं। इसके बाद आप अपने लेग्स को स्प्रेड कर ले और खुद की बॉडी को रिलैक्स करें। इसके बाद आप अपने वल्वा के पार्ट्स जैसे क्लिटोरिस आउटर और इनर लीबिया को चेक करें। इसके साथ ही आप इस बात को भी नोट करें कि आपका हर पार्ट का कलर और साइज क्या है। अगर आपको कुछ भी चेंज दिखाई दे रहा है तो तुरंत उसे नोट करें। इसके साथ ही आप अपने वजाइनल डिसचार्ज को नोटिस करें जो आमतौर पर रॉ एग के प्रोटीन जैसा होता है और इसका रंग क्लॉउडी व्हाइट होता है।
अगर आपके डिस्चार्ज में फिश जैसी स्मेल आ रही है तो आपको बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis) हो सकता है। अगर डिस्चार्ज का खुजली के साथ थिक टेक्सचर है और कॉटेज चीज जैसा लग रहा है तो यह वजाइनल थ्रश (Vaginal Thrush)हो सकता है। अगर डिस्चार्ज ग्रीन, येलो या फिर फ्रॉथी है तो इसका मतलब है कि आपको ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis) है जो एक STI है। अगर डिस्चार्ज के साथ पेल्विक पेन या फिर ब्लीडिंग हो रही है तब आपको क्लैमिडिया (Chlamydia) या फिर गोनोरिया हो सकता है। वजाइना के आसपास सोरनेस, इचिंग या फिर स्वेलिंग होना वैजिनाइटिस (Vaginitis) और एक्जिमा का लक्षण हो सकता है। अगर आपके वजाइना के आसपास सोर है तो यह जेनिटल हर्पीज़ हो सकता है। अगर कोई भी ग्रोथ या लम्प दिखाई दे रहे हैं तो यह जेनिटल वार्ट्स या फिर बारथोलिन सिस्ट हो सकता है।
इसके साथ ही अगर आपके स्मेल के साथ ब्लड स्टैनड डिस्चार्ज हो रहा है और इसके साथ ही इर्रेगुलर ब्लीडिंग और पेशाब के वक्त दर्द भी होता है तब आपको वजाइनल कैंसर हो सकता है। 40 साल की महिलाओं में यह बहुत रेयर होता है लेकिन आपको इसके बारे में अवेयर रहना चाहिए। वजाइनल सेल्फ एग्जाम से आपको इन बीमारियों के खतरे के बारे में पहले पता लग सकता है। अगर आप पहले ही इनके बारे में जान लेंगे तो इन्हें जल्दी ही ठीक किया जा सकता है और ऐसे में आपको तुरंत अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
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