5 Vastu Tips For Open Kitchen to Boost Positive Energy, Health and Wealth: किचन किसी भी घर का दिल हैं। ऐसा स्थान जहां से अत्यधिक सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। खासकर भारतीयों के लिए किचन का विशेष महत्व होता है। यह न केवल भोजन बनाने का स्थान है बल्कि परिवार के सदस्यों के जुड़ने का केंद्र भी है।आज के आधुनिक युग में ओपन किचन का प्रचलन है, जो न केवल घर की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि परिवार और मेहमानों के साथ बातचीत को भी सहज बनाता है। लेकिन ओपन किचन के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
ओपन किचन से जुड़े 5 सरल वास्तु टिप्स
1. किचन की दिशा का ध्यान रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन का सही दिशा में होना बहुत महत्वपूर्ण है। आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) को किचन के लिए सबसे शुभ माना जाता है। अगर यह दिशा उपलब्ध नहीं है, तो उत्तर-पश्चिम दिशा का भी चयन किया जा सकता है।
2. गैस की दिशा पर ध्यान दें
गैस स्टोव किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसका सही दिशा में होना आवश्यक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, चूल्हा हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए और खाना बनाते समय मुहँ पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
3. पानी और आग के स्रोतों को अलग रखें
ओपन किचन में पानी और आग के स्रोतों को एक-दूसरे से अलग रखना चाहिए। जैसे कि सिंक और चूल्हे को एक ही लाइन में न रखें, क्योंकि पानी और आग के तत्वों का टकराव वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इससे घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
4. रसोई की सफाई और स्वच्छता बनाए रखें
वास्तु शास्त्र में साफ-सुथरे और व्यवस्थित किचन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। गंदगी और अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो घर के सदस्यों के स्वास्थ्य और समृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
5. रसोई के रंग का चयन करें
ओपन किचन के लिए सही रंगों का चयन भी वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है। हल्के और सुखद रंग जैसे कि हल्का पीला, नारंगी, या सफेद रंग किचन के लिए शुभ माने जाते हैं। ये रंग किचन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखते हैं और घर के वातावरण को सुखद बनाते हैं।
इन सरल वास्तु टिप्स को अपनाकर आप अपने ओपन किचन को न केवल वास्तु के अनुकूल बना सकते हैं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि भी बढ़ा सकते हैं।
Disclaimer: यदि आप अपने घर में किचन का निर्माण या नवीनीकरण कर रहे हैं, तो किसी वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा होगा।