Do You Cry So Quickly? : कुछ इंसान इतने सेंसिटिव होते हैं कि अपना दुःख तो क्या किसी दूसरे का दुःख देख कर भी रो पड़ते हैं। ये लोग बहुत प्यारे होते हैं लेकिन जल्दी रो देने के कारण कई बार मिसअंडरस्टैंडिंग का शिकार हो जाते हैं।
क्या आप भी बहुत जल्दी रो देते है?
जिस तरह हम खुश होने पर हँसते हैं उसी तरह दुखी होने पर रोना भी नार्मल ही है। अक्सर रोने वाले इंसान को कमज़ोर समझा जाता है लेकिन दुःख में रो देने के भी कई फायदे हैं। इससे आपके स्ट्रेस को रहत मिलती है और मन हल्का होता है। अगर आप छोटी-छोटी बात पर रो देते हैं और इस चीज़ को कण्ट्रोल करना चाहते हैं आप सही जगह पर हैं। आइए बात करते हैं कि किस तरह आप अपनी इस आदत को कंट्रोल में कर सकते हैं।
1. ख़ुद का परीक्षण करें
सबसे पहले अपने आप से पूछें कि कहीं आप किसी मेन्टल स्ट्रेस या ट्रामा में तो नहीं, जिसकी वजह से आपको हर बात पर रोना आ रहा हो। अगर ऐसा है तो आप दूसरे के दुःख में अपना दुःख महसूस करने की कोशिश करेंगे और छोटी सी बात पर रो देंगे। हो सकता है कि आप दूसरों के दुःख में अपना दुःख ढूंढ रहे हों। इसलिए आपकी अपनी फीलिंग्स को अनलाइस करना ज़रूरी है और इससे आपको उन्हें रेगुलेट करने में मदद मिलेगी।
2. मैडिटेशन करें
सेल्फ-एनालिसिस की मदद से आप अपने अंदर के इमोशंस को ढूंढ लेंगे और अब आप उन्हें रेगुलेट करने के लिए मैडिटेशन की मदद ले सकते हैं। मैडिटेशन से आपका मेन्टल स्ट्रेस हल्का होगा और मन भी काम होगा। इससे आपकी फोकस पावर भी अच्छी होगी जिससे अपनी दिनचर्या के दूसरे काम पर आप फोकस भी कर पाएंगे।
3. ब्रीथिंग एक्सरसाइस
मैडिटेशन के इलावा आप ब्रीथिंग एक्सरसाइस की मदद से भी अपने बात-बात पर रोने की आदत को कंट्रोल कर सकते हैं। इससे आपका नर्वस सिस्टम कंट्रोल करने में मदद मिलती है और आपकी बॉडी रिलैक्स होती है। नेगेटिविटी को एक्सहेल और पाजिटिविटी को इन्हेल करने से आप फिजिकली और मेंटली फिट भी रहते हैं।
4. कहीं आप अंदर से अकेले तो नहीं
आप लोगों से घिरे हुए होने के बावजूद अंदर से बिलकुल अकेले हो सकते हैं। अगर आपके आस-पास के लोग आपको समझने में नाकामयाब हों तो ऐसा हो सकता है। आपके सब-कॉन्शियस माइंड में अकेलेपन का एहसास जल्दी रोने की वजह हो सकता है। इसको समझने के लिए आपको अपनी फीलिंग्स के साथ कुछ समय गुज़ारने की ज़रूरत है।
5. डिस्ट्रैक्ट करें ख़ुद को
अगर आपको हर दूसरी बात पर काफी रोना आता है तो ज़रूरी है कि आपको जब रोने जैसा फील हो तो अपने आप को किसी दूसरी बात में लगा लें या फिर उठ कर दूसरी तरफ चले जाएँ। ख़ुद को डिस्ट्रैक्ट करने के लिए आप अपने आप को कुछ और सोचने में भी उलझा सकते हैं। इससे भी आपको काफी मदद मिलेगी।