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Power of Detachment: बातों को खुद पर लेने की आदत कैसे छोड़े?

बहुत सारे लोगों की यह आदत होती है कि वह सभी चीजों को पर्सनली लेने लग जाते हैं। उन्हें लगता है कि हर कोई उन्हें ही टारगेट कर रहा है या फिर उनके बारे में ही बात होती है।

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Rajveer Kaur
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Uncomfortable Talk

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Ways to Stop Taking Things Personally and Live a Happier Life: बहुत सारे लोगों की यह आदत होती है कि वह सभी चीजों को पर्सनली लेने लग जाते हैं। उन्हें लगता है कि हर कोई उन्हें ही टारगेट कर रहा है या फिर उनके बारे में ही बात होती है। उन्हें चीजों को इग्नोर करना बिल्कुल भी नहीं आता है। वो ऐसी चीजों से अपनी वर्थ डिसाइड करने लग जाते हैं जिस कारण खुश नहीं रह पाते और बेवजह की समस्याओं को आकर्षित कर लेते हैं। ऐसे लोग हमेशा ही दूसरों की बातों में उलझे रहते हैं और इस बात को जानने की कोशिश करते हैं कि दूसरे उनके बारे में क्या कह रहे हैं। चलिए जानते हैं कि कैसे हम हर चीज को खुद पर लेने से रोक सकते हैं-

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बातों को खुद पर लेने की आदत कैसे छोड़े?

खुद को जानें

दूसरों की बातों को अपने उपर लेना छोड़ दें। आपकी आइडेंटिटी कोई भी डिफाइन नहीं कर सकता है। अगर आपके बारे में कोई कुछ बोल भी रहा है या फिर आपके लिए उसके कुछ विचार है तो वह उसके माइंडसेट को रिफ्लेक्ट कर रहा है। यह आपके माइंडसेट के बारे में नहीं बता रहा है तो इसलिए आपके बातों को पर्सनली नहीं लेना चाहिए और खुद एनालाइज करना चाहिए कि आप कौन हैं। आप लोगों को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं लेकिन खुद का व्यवहार आपके कंट्रोल में है।

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ट्रिगर्स की पहचान

आप अपने ट्रिगर्स पहचानने की कोशिश करें कि कब आपको लगता है कि लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं या फिर आपको टारगेट कर रहे हैं। जब आप ट्रिगर्स को पहचान लेंगे तो आप समझ जाएंगे। ऐसे लोगों, जगहों और चीजों से दूरी बनाने की कोशिश करें जिनकी वजह से आपको ऐसा महसूस होता है क्योंकि यह लोग आपकी मेंटल हेल्थ के लिए सही नहीं हैं। ऐसे लोगों का आपकी जिंदगी में बहुत नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। यह आपकी एनर्जी और टाइम दोनों ही खराब करते हैं। इसलिए आपको ट्रिगर्स पहचानना बहुत जरूरी है ताकि आप इस समस्या से दूरी बना सकें।

खुद को दूसरों की जिंदगी में जरूरी मत समझें

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आप खुद को दूसरों की लाइफमें इतना जरूरी मत समझें। कई बार बात हमारे बारे में नहीं भी होती है लेकिन हमें लगता है कि वह हमें कह रहे हैं। इस कारण हमारे रिश्ते खराब होने लग जाते हैं या फिर हम ओवरथिंकिंग करने लग जाते हैं। इसलिए आप अपने आप को दूसरों की जिंदगी से बाहर रखकर सोचें। आप अपने बारे में सोचें कि आप खुद के बारे में क्या सोचते हैं और आपका क्या ओपिनियन है लेकिन दूसरों की बातों को एनालाइज मत करें। इससे आपका बहुत सारा टाइम भी खराब होता है और आपका ध्यान हमेशा ही दूसरों में रहता है जिस कारण हम खुद की जिंदगी को नजरअंदाज करते हैं।

दूसरों की इनसिक्योरिटी

जब कोई आपके बारे में नेगेटिव बातें कर रहा है या फिर वह आपको दुख पहुंचाने की कोशिश कर रहा है तो इससे पता चलता है कि वह व्यक्ति अपनी इनसिक्योरिटी या फिर डर से घिरा हुआ है। इससे उसके स्ट्रगल्स के बारे में पता चलता है कि कैसे वह दूसरों के बारे में बुरा बोलकर अपने आप को शांत कर रहा है या फिर अच्छा महसूस करवा रहा है तो ऐसे में आपको हर बात अपने ऊपर लेने की जरूरत नहीं है। आप अपने आप में इतनी स्ट्रैंथ रखें कि अगर कोई आपके बारे में बुरा बोल भी रहा है तो आप उससे प्रभावित नहीं हो रहे हैं।

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