What Is Sleep Apnea and Its Symptoms? : स्लीप एपनिया एक सीरियस स्लीप डिसऑर्डर है जिसे अगर इग्नोर किया जाए या फिर समय पर इलाज न हो तो कई गंभीर बिमारियों का कारण बन सकती है। इससे टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक्स, हार्ट अटैक तक होने का खतरा रहता है।
क्या है स्लीप एपनिया? कहीं आप तो नहीं इसके शिकार?
स्लीप एपनिया एक सीरियस स्लीप डिसऑर्डर है जिसके कारण सोते समय हमारी साँस रुकती और फिर दोबारा शुरू होती है। यह डिसऑर्डर तब होता है जब गले के मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं और हमारा एयरवे नैरो या बंद हो जाता है। इसी वजह से थोड़ी देर के लिए सांसें रुक सकती हैं। यह स्थिति हमारे कंसंट्रेशन को कम कर देती है और उनके लर्निंग के साथ प्रोसेसिंग को भी कम कर देती है। साँस के रुकने चलने से हमारी नींद इम्पैक्ट होती है जो हमारे सोचने और रियेक्ट करने के समय को स्लो कर देती है। आइए जानते हैं क्या हैं स्लीप एपनिया के ख़ास लक्षण।
1. सोते वक्त खर्राटे
नोइसी स्लीप या सोते वक्त बहुत ऊँचे खर्राटे लेना एक वार्निंग साइन की तरह है कि आपका अप्पर एयरवे बंद हो सकता है। यह भी याद रखें कि सभी खर्राटे लेने वालों को एपनिया नहीं होता, लेकिन ये दोनों अक्सर साथ-साथ चलते हैं। जैसे-जैसे खर्राटे तेज़ होते जाते हैं, स्लीप एपनिया होने की संभावना बढ़ती जाती है।
2. उठते वक्त चोकिंग जैसा होना
सुबह उठते वक्त अगर आप चोकिंग जैसा महसूस करते हैं तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) का लक्षण हो सकता है। OSA एक सीरियस मेडिकल कंडशन है जिसमें हमारे गले में सॉफ्ट टिश्यूस रिलैक्स हो जाते हैं और हमारे एयरवे को ब्लॉक कर देते हैं। इससे थोड़ी देर के लिए सांस लेने में रुकावट हो सकती है, जिससे चोकिंग या गैसपिंग की समस्या हो सकती है।
3. सुबह-सुबह सिरदर्द
स्लीप एपनिया सुबह-सुबह सिरदर्द का कारण बन सकता है। स्लीप एपनिया में रात भर में कभी भी सांस रुकती और शुरू होती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। ऐसे सिरदर्द में काफी प्रेसिंग पेनस हो सकती हैं जो चार घंटे तक रहती है।
4. दिन में नींद आना
स्लीप एपनिया में जब आप प्रॉपर साँस नहीं ले पाते तो आपकी नींद में रुकावट आती है। आपको लग सकता है कि आप पूरी रात सोए थे लेकिन वो नींद रेस्टोरेटिव नहीं होती। इस वजह से स्लीप एप्निया से पीड़ित लोगों को अक्सर दिन में सीरियस फटीग, थकान और चिड़चिड़ापन होता है। उन्हें दिन में नींद भी काफी परेशान करती है। वे अपने-आप को दिन के दौरान कभी भी TV देखते हुए या फिर कोई काम करते हुए सोए पाते हैं।
5. फोकस करने में दिक्कत
रात की नींद की कमी के कारण आप की मेमोरी और कंसंट्रेशन भी इम्पैक्ट हो सकती है। स्लीप एपनिया के कारण अपसेट हुई नींद आपके नार्मल ब्रेन फंक्शन्स को इम्पैक्ट करती है, जिससे न सिर्फ रिकॉल और फोकस एफेक्ट होता है, बल्कि इमोशंस और यहां तक कि ब्रेन साइज भी प्रभावित होता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।