What Is Sun Salutation And Its Benefits : सन सलुटेशन, जिसे सूर्य नमस्कार भी कहा जाता है, इसमें योगा के 12 पोस्ज़ होते हैं। सूर्य नमस्कार शब्द संस्कृत से आया है जिसका मतलब है 'सूर्य को नमस्कार करना'।
कैसे करें सूर्या नमस्कार और क्या हैं इसके फ़ायदे?
सूरज को पूरी दुनिया के लिए एनर्जी सोर्स माना जाता है और सूर्य नमस्कार का अर्थ है सूरज को सुबह नमस्कार कर उसकी ऊर्जा का सतिकार करना। यह एक्टिविटी हमारे शरीर को भी स्ट्रेच करती है और हमारे तन, मन और रूह में पाजिटिविटी भरती है।
सूर्यनमस्कार करने का सबसे अच्छा समय सुबह का है। उगते हुए सूरज की तरफ अपना फेस रख कर यह एक्टिविटी कम्पलीट की जाती है। इसके 12 स्टेप्स होते हैं।
प्रणामासन
प्रणामासन में खड़े होकर अपने पैरों को अलाएंड कर सीधे खड़े हों। गहरी सांस लेते हुए अपने कंधों को आराम में रखें और छाती को फैलाते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं। धीरे से सांस छोड़ें और अपनी हथेलियों को अपनी छाती के सामने जोड़ लें। यह जीवन में सभी चीजों के प्रति गरेटिटूड की भावना है।
हस्त उत्तानासन
अब गहरी सांस लें और अपने हाथों को ऊपर उठाएं। अपने शरीर को आराम देने के लिए अपनी पीठ को पीछे झुका लें। अपने बाइसेप्स को कान के पास लेकर आएं। यह स्टेप जीवन में खुशी और इंडिपेंडेंस को दर्शाता है।
हस्ता पदासन
सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपनी कमर को मोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को जमीन की ओर पूरी तरह झुका लें और झुकते समय अपनी स्पाइन को सीधा रखें। हस्त पादासन माइंड को बैलेंस करता है और डाइजेशन ठीक रखता है।
अश्वा संचलनासन
अब अपने शरीर को फर्श के पैरेलल फैलाते हुए गहरी सांस लें। अपनी बाँहों को साइड में फैलाएँ और अपने राइट नी को अपनी छाती के राइट साइड लाएँ। अपनी पीठ को धीरे से मोड़ें और ऊपर की ओर देखें, साथ ही अपने लेफ्ट पैर को पीछे तक ले जाएँ, इस पोज़ के साथ आपका सेल्फ-कॉन्फिडेंस और विल पावर दोंनो डेवेलोप होंगे।
दंडासन
शरीर को जमीन के समानांतर रखते हुए सांस लें और लेफ्ट पैर को राइट पैर के साथ अलाइन करते हुए पीछे की ओर खींचें। आप फील करेंगे कि यह पोज़ आपके माइंड और बॉडी के स्ट्रेस को कम कर आराम दे रहा है।
अष्टांग नमस्कार
गहरी सांस छोड़ते हुए धीरे से अपने घुटनों को जमीन की ओर लाएं। अपने हिप्स को ऊंचा रखें और अपनी चिन को ज़मीन पर टिकाएं, अपनी पीठ पर हल्का सा आर्क बनाए रखें। यह पोज़ आपके बैक, शोल्डर्स, छाती और घुटनों को स्ट्रेच और मजबूत करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन को कोबरा पोज़ भी कहा जाता है। अपने धड़ और छाती को फर्श पर अलाइन करें। हाथों का सहारा लेते हुए अपने मिडसेक्शन और पैरों को फ्लैट रखें। ध्यान रखें कि आपका वजन बाजुओं पर न हो। इससे आपका दिल मजबूत होगा और आपका मूड भी अच्छा होगा।
पर्वतासन
अपने पैरों और हथेलियों को नीचे रखते हुए अपने मिडसेक्शन को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। इस पोज़ को बनाए रखते हुए धीरे से अपनी सांस छोड़ें। पर्वतासन शरीर में स्थिरता लाने में मदद करता है। इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन रेगुलेट होता है और मेंटल फटीग कम होता है।
अश्वा संचलनासन
अपने राइट पैर को आगे और अपने लेफ्ट पैर के साइड में रखकर अश्वा संचलनसाना पोज़ में लौटें, जिससे ताकत और संतुलन बढ़ेगा। सांस अंदर लेते समय इस पोज़ को बनाए रखें।
हस्ता पदासन
बाएँ पैर को दाएँ पैर से सटाकर पकड़ें, साँस छोड़ते हुए बाएँ पैर को लगातार आगे लाएँ। अपने हाथों को उसी स्थान पर रखें जहां आप खुद को उठाते हैं।
हस्त उत्तानासन
हाथों को ऊपर उठाएं और गहरी सांस लें। धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें। यहां छाती के स्ट्रेच होने से सांस लेने में सुधार होता है।
प्रणामासन
अपने शरीर को आराम दें और नमस्कार पोज़ बनाए रखते हुए सांस छोड़ें। इस तरह आप प्रणामासन करते हुए सूर्य नमस्कार कम्पलीट कर लेंगे।