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(NavbharatTimes)
शादी ज़िंदगी का ऐसा पल है जो लाइफ़ में ज़्यादातर एक बार आता है लेकिन महिलाओं के ऊपर इसको लेकर भी काफ़ी बंदिशें लगाई गई है। देखने और समझने वाली बात ये है कि सिर्फ़ महिलाओं के लिए ये बंदिशें हैं लेकिन मर्द इसे जैसे चाहे इसका आनंद ले सकते है। आज के इस ब्लॉग में बात करेंगे क्या महिलाएं अपनी शादी का आनंद नहीं ले सकती है -
Marriage: क्या महिलाएं अपनी शादी का आनंद नहीं ले सकती है?
भारी लहंगा और मेकअप
शादियों में महिलाओं के कपड़े बहुत भारी होते है। कई बार इन्हें पहनकर चलना भी मुश्किल हो जाता है। यह बिल्कुल एक पारंपरिक सोच है लेकिन आजकल महिलाएँ इस सोच को बदल रही है। शादी में कैसे कपड़े पहनने है ये एक महिला की पसंद होनी चाहिए। इसके साथ उसके कम्फ़र्ट का भी ध्यान होना चाहिए।
इसके बाद अगर मेकअप की बात की जाएँ तब भी महिलाएँ को यह लगना बिल्कुल ज़रूरी होता है लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कई महिलाएँ ऐसा नहीं भी चाहती है लेकिन फिर भी उन्हें समाज के प्रेशर की वजह से करना पड़ता है।
दहेज
शादी में आज भी बहुत जगह महिलाओं को दहेज देना पड़ता है। आज भी इस दहेज के कारण महिलाएँ अपनी शादी का आनंद नहीं उठा पाती है। यह बिल्कुल भी ग़लत प्रथा इसका विरोध होना चाहिए क्योंकि शर्म औरत का गहना है।
शर्म औरत का गहना है
आज की महिला इस चीज़ को तोड़ रही है लेकिन कई ऐसी जगह भी हैं यहाँ पर आज भी शर्म को औरत को गहना माना जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी होना चाहिए महिलाएँ भी अपनी शादी को अपनी मर्ज़ी से जैसे चाहे उसे सेलिब्रेट कर सकती है। शर्म को औरत को गहना माना जाता है जिसके कारण महिलाएँ अपनी शादी में चुप-चाप बैठी रहती है। यह भी महिलाओं के आनंद में खनन बनता है।लेकिन ऐसा कुछ मर्दों केलिए नहीं होता है।
डांस नहीं कर सकतीं
आजकल बहुत कम ऐसा होता है लेकिन फिर भी समाज में ऐसी ही सोच है कि महिलाएँ अपनी शादी में डांस करती अच्छी नहीं लगती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। महिलाओं को भी पूरा हक़ है वह अपनी शादी में डांस करें।