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Emotionally Strong: महिलाएं खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

महिलाओं को अपनी जिंदगी में कई बार ऐसे अनुभवों से गुज़रना पड़ता है, जो उन्हें भावनात्मक रूप से कमज़ोर बना ही देते हैं, इस सब के चलते महिलाएं मेंटली कमज़ोर महसूस करती हैं। चलिए जानें की कैसे आप खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बना सकती हैं।

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Niharikaa Sharma
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Image Credit- Freepik

Emotionally Strong: महिलाओं को अपनी जिंदगी में कई बार ऐसे अनुभवों से गुज़रना पड़ता है, जो उन्हें भावनात्मक रूप से कमज़ोर बना ही देते हैं वे फिर चाहे कितनी ही कोशिश करें स्ट्रॉन्ग बनाने की मगर नतीजा नहीं आता। ऐसी स्थिति में छोटी छोटी बातें भी महिलाओं को चिंतित और इनसिक्योर बना देती है, जिसके चलते महिलाएं इमोशंस को कंट्रोल नहीं कर पाती हैं। कभी सिचुएशन को तो कभी वे खुद को ही कोसने लगती हैं और ऐसी स्थिति में महिलाओं का ध्यान छोटी-छोटी बातों पर आकर्षित होता है, जो उन्हें अधिक चिंतित और उत्सुक बना देती हैं। अक्सर, वे अपने आप को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं और अपनी भावनाओं को सामान्य रूप से व्यवस्थित नहीं कर पाती हैं, जिससे उन्हें गुस्सा या नाराजगी का अनुभव हो सकता है। इस सब के चलते महिलाएं तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं और मेंटली भी कमज़ोर महसूस करती हैं। चलिए जानें की कैसे आप खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बना सकती हैं।

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महिलाएं खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

1. जिंदगी के अनुभवों से सीखें 

महिलाएं खुद को इमोशनल स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए अपनी जिंदगी के अनुभवों से सीख सकती हैं। जीवन में आने वाली हर चुनौती और अनुभव एक अवसर होता है सीखने का। वे अपने अनुभवों से सीख सकती हैं कि कैसे वे स्थितियों का सामना करें, सकारात्मक तरीके से सोचें, और अपने आप को मजबूत बनाएं। आप जान सकती हैं कि किस तरह की प्रेरणा आपको आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।

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2. असफलताओं से जरूर सीखें 

महिलाएं अपनी असफलताओं से सीखते हुए खुद को इमोशनल स्ट्रॉन्ग बना सकती हैं। असफलताएं जीवन का हिस्सा होती हैं और हमें यह सिखाती हैं कि हमें कैसे सामना करना चाहिए, सहनशीलता और संघर्ष करना चाहिए। सफलता और असफलता को समान रूप से स्वीकार करके, अपने असफलताओं से सीखें और आगे बढ़ने के लिए नई स्ट्रैटेजीज का प्रयोग करें।

3. जोखिम में बेवजह न पड़ें

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जोखिम भरे कार्य करने से पहले परिणाम जानना अत्यंत जरूरी होता है। किसी भी कठिनाई का सामना करते समय, हमें अपनी स्थिति को समझने और उसके परिणामों को ध्यान में रखने की आवश्यकता होती है। किसी और की बताई हुई राह पर नही चलना ही बेहतर होता है अगर आप किसी की बताए रास्ते पर चलेंगी तो कई समस्याओं से होकर गुजरना पड़ेगा।

4. कोई निर्णय ज़ल्दबाज़ी में न लें 

महिलाएं अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए अक्सर जल्दबाज़ी में निर्णय लेने की प्रवृत्ति दिखाती हैं, लेकिन यह उनकी इमोशनल स्ट्रेंथ को कमजोर कर सकती है। इमोशनल स्ट्रेंथ को मजबूत बनाने के लिए, वे धीरे-धीरे निर्णय लेने और उन्हें समय देने का प्रयास कर सकती हैं। समय लेने का अर्थ है कि वे स्थिति को समझने के लिए अपने भावनाओं को सामने लाएं, और निर्णय करने से पहले सभी पहलुओं का विचार करें।

5. मी टाइम निकालें 

महिलाएं खुद का ख्याल नहीं रख पाती है और अपने लिए समय तो बिलकुल भी नहीं निकाल पाती। खुद को इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए मी टाइम बहुत जरूरी होता है। इसका ये मतलब नहीं होता की आपको पूरा दिन खाली रहना है बल्कि इसका मतलब है की पूरे दिन में कुछ समय आप खुद के साथ बिताए इस समय को उन एक्टिविटीज में लगाने के लिए उपयोग किया जा सकता है जो आपको खुद के साथ कनेक्ट करती हैं, जैसे कि मेडिटेशन, योग या अपनी पसंदीदा किताबों को पढ़ना।

तनाव Emotionally Strong मी टाइम
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